Vaishakh Purnima: इस पावन दिन मृत्यु के देवता भी खुश होकर देते हैं आशीर्वाद, जानें क्या है इस दिन की

Saturday, May 18, 2019 - 10:24 AM (IST)

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आज शनिवार वैशाख शुक्ल तिथि पूर्णिमा तारीख 18 मई, 2019 को वैशाख पूर्णिमा का पर्व मनाया जा रहा है। शास्त्रों में इस दिन का बहुत महत्व बताया गया है। जिसके चलते इस दिन पावन तीर्थों में स्नान व दान आदि करना फलदायक होता है। इसके अलावा इस दिन को बुद्ध पूर्णिमा भी कहा जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन बौद्ध धर्म के संस्थापक का जन्म हुआ था। जिस कारण इस दिन को देश के अलग-अलग हिस्सों में बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। बता दें कि ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार वैशाख पूर्णिमा को पीपल पूर्णिमा भी कहा जाता है।

ग्रंथों में वर्णित मान्यताओं और कथाओं के मुताबिक हर माह की पूर्णिमा जगत के पालनकर्ता श्री हरि विष्णु भगवान को समर्पित होती है। पंरतु वैशाख महीने की पूर्णिमा को नारायण के साथ-साथ भगवान बुद्ध की भी आराधना होती है। भागवत पुराण में महात्मा बुद्ध को भगवान विष्णु के नौवां अवतार बताया गया है। तो वहीं स्कंद पुराण के अनुसार वैशाख पूर्णिमा का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि वैशाख मास को ब्रह्मा जी ने सब मासों में उत्तम सिद्ध किया है। अतः यह मास भगवान विष्णु को अति प्रिय है।
हिंदू धर्म के शास्त्रों में कहा गया है कि वैशाख के शुक्ल पक्ष त्रयोदशी से लेकर पूर्णिमा तक की तिथियों 'पुष्करणी ' हैं। इन तिथियों को स्नान, दान-पुण्य करने से पूरे माह स्नान का फल मिल जाता है।

कथाओं के अनुसार प्राचीन काल में वैशाख मास की एकादशी तिथि को समुद्र से अमृत प्रकट हुआ था, द्वादशी को भगवान विष्णु ने उसकी रक्षा की थी, त्रयोदशी को श्री हरि ने देवताओं को उसका सुधापान कराया था और चतुर्दशी को देवविरोधी दैत्यों का संहार किया था। वैशाख की पूर्णिमा के दिन ही समस्त देवताओं को उनका साम्राज्य प्राप्त हो गया। जिस कारण देवताओं ने प्रसन्न होकर इन तीन तिथियों को वर दिया- 'वैशाख मास की ये तीन शुभ तिथियां मानव जीवन के समस्त पापों का नाश करने वाली और उन्हेम सब प्रकार के सुख प्रदान करने वाली मानी जाएगी। इतना ही नहीं बल्कि कहा जाता है इस दिन मृत्यु के देवता भी मनुष्य को उसके सभी पापों की माफ़ी दे देते हैं।

 

Jyoti

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