प्रारंभ हुआ वैसाख मास, जानें दान से क्या है इसका संबंध

Thursday, Apr 09, 2020 - 11:04 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
हिंदू धर्म में हर मास का अपना अधिक महत्व है। इसका कारण है प्रत्येक महीने का देवी-देवताओं से संबंध। आज से यानि 09 अप्रैल, 2020 दिन गुरूवार, वैसाख मास का प्रारंभ हो गया है। हिंदू मास के क्रम में ये दूसरा मास माना जाना जाता है। धार्मिक पुराणों में इस महीने को विशेषरूप से दान आदि के लिए जाना जाता है। इसके अलावा इस दौरान गंगा तटों पर स्नान आदि किया जाता है। इसके साथ ही इस के आरंभ से ही ऋतु परिवर्तन भाव में ग्रीष्म की तपन शुरू होने लगती है। यहीं कारण है प्राचीन काल से ऋषियों द्वारा इस मास में जल दान आदि करने की व्यवस्था दी है। इस महीने में प्याऊ और कुओं का निर्माण शुभ माना जाता है। 

इस मास की तुलना में नहीं कोई मास
स्कंदपुराण में कहा गया है कि इस मास की तुलना में कोई अन्य मास नहीं है। जिस भांति सत्य युग के समान कोई युग नहीं, वेदों के समान कोई शास्त्र नहीं, गंगा के समान कोई तीर्थ नहीं, उसी भांति वैशाख मास के समान कोई मास नहीं है।

वैसाख मास से जुड़ी पौराणिक कथा
प्राचीन काल में एक बार ऋषि अम्बरीष दीर्घ तप के बाद गंगा तीर्थ की ओर जा रहे थे जहां मार्ग में उन्हें देवर्षि नारद जी के दर्शन हुए। उन्हें आदर सम्मान देते हुए अम्बरीष ने देवर्षि से प्रश्न किया- मैं बहुत दिनों से इस उलझन में हूं कि ईश्वर ने प्रत्येक वस्तु में किसी श्रेष्ठ कोटि की रचना की है। मासों में कौन-सा मास सर्वश्रेष्ठ है। 


इस पर देवर्षि ने कहा- जब समय विभाजन हो रहा था, उस समय ब्रह्मजी ने वैशाख मास को अत्यंत पवित्र सिद्ध किया है। जिस भांति माता अपने बच्चों को अभीष्ट वस्तु प्रदान करती है, उसी भांति वैशाख मास भी मनोकामना को सिद्ध करता है। सम्पूर्ण देवताओं द्वारा पूजित है। भगवान विष्णु को यह मास सर्वाधिक प्रिय होता है। 
 

हिंदू धर्म के स्कंद पुराण में बताया गया है कि प्रत्येक साधक को ये संकल्प अवश्य लेना चाहिए, ‘हे मधुसूदन! हे देवेश्वर माधव! मैं मेघ राशि में सूर्य के स्थित होने पर वैशाख मास में प्रात: स्नान करूंगा, जिसे आप निर्विघ्न पूर्ण कीजिएगा। इसके अलावा तमाम धार्मिक ग्रंथो व शास्त्रों में विष्णु प्रिय वैशाख मास में पादुका का दान करना अधिक लाभदायक बताया गया है। साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में विकास का प्रयास करना चाहिए। बता दें पुराणों में वैशाख को सर्वाधिक महत्वपूर्ण मानने के धार्मिक तथा वैज्ञानिक दोनों महत्व बताए गए हैं।

Jyoti

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