Vaishakh Amavasya 2021: आज रात करें ये काम, घर में होगी धन की बरसात

punjabkesari.in Tuesday, May 11, 2021 - 06:47 AM (IST)

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Vaishakh Amavasya 2021: हिंदू शास्त्रों के अनुसार आज 11 मई मंगलवार, वैशाख अमावस्या का दिन धर्म-कर्म, स्नान-दान और पितरों के तर्पण के लिए बेहद ही सर्वोत्तम है। मंगलवार को अमावस्या आने से इसे भौम अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। मंगल दोष से बचने के लिए भी इस दिन का खास महत्व है। इस रोज़ व्रत, उपाय और पूजा से अमंगल का साया सदा के लिए दूर होता है। 

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Vaishakh Amavasya Pitru Dosh Puja: टैरो कार्ड रीडर नीलम कहती हैं, ये तिथि पितरों को मोक्ष दिलाने वाली है। अत: हर व्यक्ति को आज के दिन अपने पितरों का श्राद्ध और तर्पण अवश्य करना चाहिए। पितरों के मनपसंद भोज्य पदार्थ, खीर और केले जनेऊधारी ब्राह्मण को दें। फिर एक लोटे में गंगाजल डालकर उसमें साधारण जल, दूध, चावल और तिल के कुछ दाने डालकर दक्षिण दिशा की तरफ अपना मुख करके पितरों का तर्पण करें।

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Vaishakh Amavasya Ke Upay: यदि आप में इस विधि द्वारा तर्पण करने की क्षमता न हो तो गाय सेवा करें। गौ माता में हिंदूओं के 36 कोटी देवी-देवताओं का वास होता है। कहा जाता है की गाय को प्रेमपूर्वक खिलाया हुआ भोजन, चारा, नमक, रोटी, गुड़ आदि पितरों को तृप्त करता है और पितर संबंधित समस्याओं से हमेशा के लिए छुटकारा मिलता है। 

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यदि आपका व्यापार ठीक से नहीं चल रहा हो और उसमें बाधाएं आ रही हों या आपके व्यापार को किसी दुश्मन ने बांध दिया हो या उस पर कोई तांत्रिक प्रयोग कर दिया हो अथवा दुकान पर ग्राहक नहीं आ रहे हों और आपकी आमदनी बहुत कम हो गई हो तो  अमावस्या की रात्रि को यह प्रयोग किया जाता है।

अपने सामने एक हाथ लम्बा सूती लाल कपड़ा बिछा लें, इस पर काले तिल की ढेरी बना दें और उस पर एक दीया जला दें। इस दीये में किसी भी प्रकार का तेल भरा जा सकता है। फिर इस दीपक के सामने सात लौंग, सात इलायची तथा सात लाल मिर्चें रख दें और दीपक के तेल में एक सियार सिंगी डाल दें, जो तेल में डूबी हुई रहे।

इसके बाद साधक इस दीपक के सामने हाथ जोड़कर प्रार्थना करे कि यदि किसी ने मेरा व्यापार बांध दिया हो तो वह दूर हो जाए और मेरा व्यापार दिन दूना-रात चौगुना फैले।

इसके बाद साधक वहीं पर बैठ नीचे लिखे मंत्र का जप करे-
ॐ हनुमंत वीर, रखो हद थीर, करो यह काम, वैपार बढ़े, तंतर दूर हो, टण्टा टूटे। ग्राहक बढ़ें, कारज सिद्ध होय, न होय तो अंजलि की दुहाई।

जब एक घंटे तक मंत्र जप हो जाए, तब दीया बुझा दें और दीपक, सियार सिंगी, तेल आदि को अन्य वस्तुओं के साथ ही पोटली में बांध दें। उस पोटली को सड़क के उस स्थान पर रख दें, जहां पर दो सड़कें आकर मिलती हैं। यह पोटली रखने के बाद वापस अपने घर पर लौट आएं और हाथ-पैर धो लें। 

ऐसा करने पर व्यापार संबंधित बाधाएं अथवा दोष दूर हो जाता है और दूसरे दिन से ही उसे व्यापार में उन्नति अनुभव होने लगती है। यह अपने आप में श्रेष्ठ और सफल प्रयोग होगा।    

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Content Writer

Niyati Bhandari

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