वैकुण्ठ चतुर्दशी 2019: भगवान शिव व श्री हरि की आराधना का है ये खास दिन

Thursday, Nov 07, 2019 - 03:54 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को वैकुण्ठ चतुर्दशी मनाई जाती है। इस साल ये दिन 11 नवंबर दिन सोमवार को पड़ रहा है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु व शिव की पूजा की जाती है। कहते हैं कि उनका पूजन करने से व्यक्ति के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। लेकिन इसकी खास पूजा मध्य रात्रि में की जाती है। आज हम आपको इस दिन की पूजा विधि के बारे में बताने जा रहे हैं।  

पूजा विधि-
वैकुण्ठ चतुर्दशी के दिन सुबह स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके पश्चात दिनभर व्रत करें। 

भगवान विष्णु की पूजा में धूप-दीप, चन्दन, श्वेत कमल पुष्प, केसर, चंदन का इत्र, गाय का दूध, मिश्री एवं दही आदि से अभिषेक करते हुए उनकी षोडशोपचार पूजा करनी चाहिए और उनकी आरती उतारना न भूलें। 

इस दिन श्रीमद्भगवत गीता एवं श्री सुक्त का पाठ भी अवश्य करें। भोग स्वरूप मखाने की खीर भगवान को अर्पित करें। 

भगवान हरि की पूजा के बाद विधिवत भगवान शंकर की पूजा करनी चाहिए। इन्हें प्रसन्न करने के लिए गाय के दूध या गंगाजल से इनका अभिषेक करें। फिर पुष्प, बेलपत्र आदि से षोडशोपचार पूजन करने के बाद, शिवजी के बीज मंत्र का जप 108 बार करना चाहिए। 

महत्व
शास्त्रों की मानें तो वैकुण्ठ चतुर्दशी के दिन शरीर को त्याग देने वाले व्यक्ति को स्वर्ग की प्राप्ति होती है। इतना ही नहीं जो व्यक्ति इस दिन भगवान शिव और विष्णु की उपासना करता है उसके जीवन के सभी पाप कट जाते हैं। पुराणों के अनुसार इस दिन ही भगवान शिव ने भगवान विष्णु को सुदर्शन चक्र दिया था।

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