मैनपुरी की ईशन नदी में मिला तैरता हुआ राम नाम का पत्थर, हैरत में पड़े ग्रामीण

Wednesday, Aug 03, 2022 - 01:30 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
हिंदू धर्म के प्रमुख ग्रंथों में से एक है रामायण, जिसमें श्री राम के संपूर्ण जीवन का वर्णन मिलता है। इसमें किए उल्लेख के अनुसार त्रेतायुग में सीता माता को रावण के चंगुल से बचाने के लिए श्री राम ने लंका जाने के लिए समुद्र को पार करने के लिए पत्थरों का पुल बनवाया था। पुल में लगे हर पत्थर पर राम नाम लिखा गया था, जिसकी वजह से पत्थर समद्र में तैरते रहे। हाल ही में इससे जुड़ी एख खबर आई है। आपको बता दें उत्तरप्रदेश के मैनपुर में ईशन नदी में ग्रामीणों को एक पत्थर मिला जिस पर राम लिखा हुआ है और दावा किया जा रहा है कि ये पत्थर समुद्र या पानी में डूब नहीं रहा, बल्कि तैरता पाया गया है। जिस पर अचानक से चरवाहों की नजर पड़ी। जिसके बाद एक चरवाहा ने नदी में घुसकर पत्थर को बाहर निकाला। राम नाम लिखे इस पत्थर को देखकर सभी ग्रामीण आश्चर्यचकित रह गए हैं और अब आस्था भाव से इसकी पूजा कर रहे हैं। 

तो वहीं दूसरी ओर विज्ञानों की मानें तो पानी में पत्थर का तैरना संभव और सामान्य माना जा रहा है। पर्याप्त जानकारी के मुताबिक पानी में तैरने वाला पत्थर कुसमरा क्षेत्र में अहमलपुर ग्राम पंचायत के पास ईशन नदी में  प्राप्त हुआ। इस जानकारी के अनुसार शनिवार को कुछ चरवाहे नदी के अपने पशु चरा रहे थे। जिस दौरान उन्हें नदी में एक पत्थर तैरता दिखाई दिया। चरवाहे पत्थर को निकालकर गांव ले आए और ग्राम प्रधान को इसके बारे में जानकारी दी।

1100  रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं । अपनी जन्म तिथि अपने नाम , जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर वाट्स ऐप करें

जिसके बाद अहमलपुर ग्राम पंचायत के गांव प्रधान नितिन पांडेय ने पानी में तैरने वाले पत्थर को अपने सरंक्षण में ले लिया। पत्थर की सच्चाई जानने के लिए उन्होंने टब में पानी भरकर पत्थर को उसमें डाला तो वह तैरता रहा। जिसे देख ग्राम पंचायत के गांव प्रधान के साथ-साथ तमाम ग्रामीण भी हैरत में पड़ गए। 

बताया जा रहा है जिस किसी को भी इसकी जानकारी मिली, वह इस पत्थर को देखने के लिए चला आया। यहां के ग्रामीणों की बात करें तो पानी में तैरने वाले पत्थर को आस्था से जोड़कर देख रहे हैं। गांव प्रधान से बात करने पर जानकारी प्राप्त हुई है कि अब इस अद्भुत पत्थर को वह कुसमरा रामलीला स्थित हनुमान मंदिर पर एक कुंडी बनवाकर उसमें रखेंगे, जहां पूजा पाठ होगा। तो वहीं इलाके में इस पत्थर को लेकर कौतूहल बना हुआ है।

बता दें पानी में तैरने वाले पत्थरों के ऐसे कई मामले पहले भी सामने आ चुके हैं। आगरा में जून 2021 में इसी तरह का पत्थर यमुना नदी में मिला था। जिसे देखकर लोग आंचभित हो गए थे। हालांकि पानी में पत्थर तैरने के पीछे कई तरह वैज्ञानिक कारण भी माने जाते हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार ऐसे पत्थरों की आंतरिक संरचना एकदम ठोस न होकर अंदर से स्पंज जैसे होती है, जिसमें बीच-बीच में वायु कोष बने होते हैं, जिसके कारण ये पत्थर वजन में भारी होने के बाद भी घनत्व के हिसाब से हल्के होते हैं। अतः पानी में तैरने लगते हैं। 

Jyoti

Advertising