Utpanna Ekadashi: 8 या 9 दिसंबर जानें, किस दिन मनाई जाएगी मार्गशीर्ष माह की पहली एकादशी

Sunday, Dec 03, 2023 - 08:19 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Utpanna Ekadashi 2023: सनातन धर्म में एकादशी के व्रत का बहुत महत्व है। हर साल मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन उत्पन्ना एकादशी का व्रत रखा जाता है।  एकादशी की उत्पत्ति मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष के 11वें दिन हुई थी इसलिए इसका नाम उत्पन्ना एकादशी पड़ा। एकादशी का व्रत तो हर महीने आता है पर मार्गशीर्ष माह में आने वाली एकादशी खास होती है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है। इस व्रत को करने से श्री हरि के साथ-साथ मां एकादशी का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसी के साथ बता दें कि जो लोग एकादशी का व्रत शुरू करना चाहते हैं उनको इस एकादशी से ही व्रत की शुरुआत करनी चाहिए। इस बार की एकादशी को लेकर कुछ कन्फ्यूजन की स्थिति बनी हुई है। इस चलिए इस शंका को दूर करने के लिए जानते हैं किस दिन रखा जाएगा उत्पन्ना एकादशी का व्रत।

Utpanna Ekadashi Vrat 2023 Date उत्पन्ना एकादशी व्रत तिथि और मुहूर्त
एकादशी तिथि आरंभ- 8 दिसंबर को सुबह 5 बजकर 6 मिनट से
एकादशी तिथि समाप्त- 9 दिसंबर को सुबह 6 बजकर 31 मिनट तक

पूजा का शुभ मुहूर्त: 8 दिसंबर सुबह 7:01 बजे से 10:54 बजे तक।  

Parana time of Utpanna Ekadashi fast उत्पन्ना एकादशी व्रत का पारण समय
9 दिसंबर को दोपहर 01 बजकर 15 मिनट से लेकर 03 बजकर 20 मिनट के मध्य व्रत का पारण कर लें। इस समय से पूर्व पूजा करने के बाद जल और फल ग्रहण कर सकते हैं।

Importance of Utpana Ekadashi उत्पन्ना एकादशी का महत्व
मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन माता एकादशी की उत्पत्ति हुई थी। इस दिन देवी एकादशी भगवान विष्णु जी के अंश से उत्पन्न हुई थी और साथ ही उन्होंने मुर नाम के राक्षस का वध किया था। बता दें कि जो व्यक्ति सच्चे मन के साथ इस व्रत को करता है उसका जीवन जन्म-जन्मांतर खुशियों से भरा रहता है। वहीं मान्यताओं के अनुसार इस व्रत को करने से अंत समय में वैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है।

Utpana Ekadashi Mantra उत्पन्ना एकादशी मंत्र

ॐ नमोः नारायणाय॥

ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय॥

विष्णु गायत्री मंत्र: ॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्॥

श्री विष्णु मंत्र

मंगलम भगवान विष्णुः, मंगलम् गरुणध्वजः।
मंगलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥

एकादशी के दिन ज्यादा से ज्यादा भगवान विष्णु के मंत्र का जाप करना चाहिए। श्री हरि के मंत्रों का जाप करने वाला व्यक्ति जीवन में हमेशा सुख का भागीदार बनता है।
 

Prachi Sharma

Advertising