उत्पन्ना एकादशी 2022: जरूर करें ये 5 उपाय, साक्षात लक्ष्मीनारायण करेंगे आपकी मुश्किलें दूर

Saturday, Nov 19, 2022 - 12:54 PM (IST)

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हर साल मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को उत्पन्ना एकादशी के नाम से जाना जाता है। जो इस वर्ष नवंबर मास की 20 नवंबर दिन रविवार ये एकादशी का व्रत रखा जाएगा। हिंदू धर्म ग्रथों में के किए वर्णन के अनुसार प्रत्येक एकादशी तिथि विष्णु भगवान को समर्पित है, जिस कारण वर्ष भर में में पड़ने वाली तमाम एकादशी तिथियों को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। परंतु बात करें अगर इस मास की उत्पन्न एकादशी तिथि की तो इसे सबसे अधिक महत्व प्रदान है। इससे जुड़ा धार्मिक मान्यता है कि इसी दिन भगवान विष्णुद से देवी एकादशी उत्पंन्न  हुई थीं। मान्यदता है कि उत्पमन्ना  एकादशी का व्रत रखने से पिछले जन्मों  के पाप भी नष्ट8 हो जाते हैं। ज्योतिष शास्त्रियों की मानें तो इस बार उत्पन्ना एकादशी पर आयुष्मान योग, अमृत, सर्वार्थसिद्धि और द्विपुष्कर योग से त्रिवेणी संयोग बन रहा है। जो इस दिन को अधिक खास बना रहे हैं। ऐसे में अगर इस दौरान विष्णु भगवान की पूजा करने के अलावा कुछ खास उपाय भी किए जाएं तो व्यक्ति को कई तरह के लाभ प्राप्त होंगे।  तो आइए जानते हैं उत्पन्ना एकादशी के दिन करने वाले उन छोटे-छोटे ज्योतिषीय उपाय, जिससे साक्षात लक्ष्मीनारायण प्रसन्न होकर आपके घर धन की बरसात करेंगे। 

उत्पन्ना एकादशी के दिन पीले वस्त्र पहनकर चार भुजाधारी भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए और पीले फूल, केला, चना दाल, हल्दी आदि पीले रंग की चीजों को भगवान विष्णु को अर्पित करें। पूजन के बाद इन सभी चीजों को गरीबों में बांट दें। ऐसा करने से आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होती है और कर्ज से धीरे-धीरे मुक्ति मिल जाती है।

सुबह विधिवत पूजा-अर्चना करें और रात के समय भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा के सामने 9 बत्तियों का दीपक जलाएं। इसके अलावा एक अखंड दीपक जलाएं, जो पूरी रात जलें। फिर विष्णु जी और माता लक्ष्मी के 108 नामों का जप करें। मान्यता है कि ऐसा करने से देवी लक्ष्मी की विशेष कृपा आपको प्राप्त होती है। और जीवन की सभी आर्थिक परेशानियां दूर हो जाती हैं।
  

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इस दिन केसर मिश्रित दूध की खीर बनाकर श्री हरि और देवी लक्ष्मी को इसका भोग लगाएं। फिर इसके बाद सात छोटी कन्याओं को अपने घर बुलाकर उन्हें खीर तथा भोजन खिलाएं। भोजन के पश्चात् उनके पैर छूकर आशीर्वाद लें और दक्षिणा देकर सम्मान विदा करें। इससे साक्षात लक्ष्मी का आपके घर में वास होता है और घर में दिन दूनी रात चौगुनी यानि कि आर्थिक तरक्की होने लगती है।

भगवान विष्णु को नारियल और बादाम का भोग लगाएं। याद रखें कि ऐसा लगातार आपको 27 एकादशी तक करते रहना है। ऐसा करने से भक्तों की मनचाही इच्छाएं पूरी होती है। भोग लगाने के बाद नारियल और बादाम को बच्चों में बांट दें।

बता दें कि एकादशी पूजा के समय भगवान विष्णु को पंचामृत और तुलसी के पत्ते का भोग लगाएं। इससे भगवान विष्णु प्रसन्न होंगे। और आपको जीवन में सभी प्रकार के सुख प्राप्त होंगे। ध्यान रहें कि उत्पन्ना एकादशी रविवार को है, इस दिन तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ना वर्जित है। ऐसे में आप पहले से ही पत्ते तोड़कर रख लें।

एक लेटे लें, उसमें पानी और चीनी मिला लें और उसे पीपल के पेड़ पर अर्पित करें। और शाम के समय पीपल के पास घी का दीपक जलाएं। ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।

कोई महत्वपूर्ण कार्य काफी समय से अटका हुआ है तो एकादशी के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का पूजन करते समय उन्हें पीले चंदन का तिलक करें। इस उपाय को करने से आपके सभी कार्य पूर्ण होंगे।


 

Jyoti

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