अनोखा चमत्कारी मंत्र जिसे फूंकने से मिलता है जन्म और मृत्यु

Saturday, Dec 09, 2017 - 09:20 AM (IST)

एक वन में एक बहुत बड़े ऋषि का आश्रम था। उन्होंने कठिन तपस्या करके अनेक सिद्धियां प्राप्त की थीं। इनमें से एक सिद्धि जीवन-मृत्यु की थी। इसी कारण उनमें कुछ घमंड आ गया था। ऋषि का घमंड दूर करने के लिए एक दिन भगवान ने खुद उनके पास जाने का निश्चय किया। वह एक साधु का वेश धारण करके ऋषि के आश्रम में पहुंचे। 


साधु को देखकर ऋषि अत्यंत प्रसन्न हुए। उन्होंने आदरपूर्वक उन्हें बैठाकर कुशलक्षेम पूछा। फिर भोजन और विश्राम के बाद दोनों सत्संग के लिए बैठे। साधु के रूप में आए भगवान ने ऋषि से पूछा, ‘‘महाराज! सुना है आपने अनेक सिद्धियां प्राप्त कर ली हैं? क्या आप किसी को मार भी सकते हैं?’’ 


ऋषि बोले, ‘‘आपने ठीक सुना है। मैंने तपस्या करके अनेक सिद्धियां प्राप्त कर ली हैं और मैं जिसे चाहूं उसे मार सकता हूं।’’ 


तभी आश्रम के पास से एक हाथी गुजर रहा था। उसे देखकर साधु ने ऋषि से कहा, ‘‘क्या आप इस विशालकाय हाथी को भी मार सकते हैं?’’


ऋषि ने गर्व से कहा, ‘‘यह कौन-सी बड़ी बात है।’’ 


इसके बाद ऋषि ने धरती से थोड़ी मिट्टी उठाई, मंत्र फूंका और हाथी पर दे मारी। देखते ही देखते उस विशालकाय हाथी के प्राण पखेरू उड़ गए। साधु ने कहा, ‘‘आपने मेरे कहने पर इस हाथी को मारा है। इसलिए इसकी हत्या का पाप मुझे लगेगा। अत: इसे जीवित कर दीजिए।’’


ऋषि ने पुन: मंत्र फूंका और हाथी को जीवित कर दिया। साधु बोले, ‘‘महाराज! आप में तो विलक्षण शक्ति है। आपने हाथी को मार दिया और उसे पुन: जीवित भी कर दिया परन्तु इससे आपको या किसी को क्या मिला? इन चमत्कारों का क्या अर्थ है? इन सिद्धियों का क्या प्रयोजन है?’’ 


साधु की बात सुनकर ऋषि को समझ आ गया कि जिस उपलब्धि पर उन्हें गर्व है वह उपलब्धि तो मिथ्या मात्र है और मिथ्या उपलब्धि पर गर्व कैसा?

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