हकीकत या अफसाना: घर के आंगन में अवश्य लगाएं तुलसी का पौधा

Saturday, Apr 08, 2023 - 11:28 AM (IST)

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Tulsi Plant in house: प्रत्येक सद्गृहस्थ के घर के आंगन में प्राय: तुलसी का पौधा लगा होता है। यह हिन्दू परिवार की एक विशेष पहचान है। स्त्रियां इसके पूजन के द्वारा अपने सौभाग्य एवं वंश की समृद्धि की रक्षा करती हैं। राम भक्त हनुमान जी जब सीता की खोज करने लंका गए तो उन्हें एक घर के आंगन में तुलसी का पौधा दिखलाई दिया।

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‘‘रामायुध अंकित गृह, शोभा बरनि न जाय। नव तुलसी का वृंद तंह, देखि हरष कपिराय।।’’

अर्थात अति प्राचीन परम्परा से तुलसी का पूजन सद्गृहस्थ परिवार में होता आया है जिसके संतान नहीं होती, वे तुलसी विवाह भी कराते हैं। 

तुलसी पत्र चढ़ाए बिना शालिग्राम का पूजन नहीं होता। 

विष्णु भगवान को चढ़ाए श्राद्ध भोजन में देवप्रसाद, चरणामृत, पंचामृत में तुलसी पत्र होना आवश्यक है अन्यथा वह प्रसाद भोग देवताओं को नहीं चढ़ता। मरते हुए प्राणी के अंतिम समय में गंगाजल व तुलसी पत्र दिया जाता है। तुलसी जितनी धार्मिक मान्यता किसी भी पौधे की नहीं है।

इन सभी धार्मिक मान्यताओं के पीछे एक वैज्ञानिक रहस्य छिपा हुआ है। तुलसी एक दिव्य औषधि पौधा है। तुलसी के माध्यम से कई असाध्य बीमारियां भी ठीक हो जाती हैं। 

आयुर्वेद के ग्रंथों में तुलसी की बड़ी भारी महिमा वर्णित है। इसके पत्ते उबालकर पीने से सामान्य ज्वर, जुकाम, खांसी एवं मलेरिया से तत्काल राहत मिलती है। तुलसी के पत्तों में संक्रामक रोगों से रोकने की अद्भुत शक्ति है। प्रसाद पर इसको रखने से प्रसाद विकृत नहीं होता। पंचामृत व चरणामृत में इसको डालने से बहुत देर रखा गया जल व पंचामृत खराब नहीं होते, उसमें कीड़े नहीं पड़ते।
तुलसी की मंजरियों में एक विशेष खुशबू होती है जिससे विषधर सांप उसके निकट नहीं आते। इसके अनेक औषधीय गुणों के कारण ही, इसकी पूजा की जाती है।

‘रणवीर भक्ति रत्नाकर’ ग्रंथ के अनुसार: तुलसी के गंध से सुवासित वायु जहां तक घूमती है, वहां तक दिशा और विदिशाओं को पवित्र करती है और सभी प्रकार के प्राणियों को प्राणवान करती है। 

‘क्रियायोगसार’ नामक एक अन्य ग्रंथ के अनुसार तुलसी के स्पर्श मात्र से मलेरिया इत्यादि कितने ही रोगों के कीटाणु एवं विविध व्याधियां तुरंत नष्ट हो जाती हैं।

Niyati Bhandari

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