मंगलवार के व्रत की महिमा क्या जानते हैं आप ?

Tuesday, Jan 08, 2019 - 06:24 PM (IST)

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ये बात तो सभी जानते ही हैं कि मंगलवार का दिन हनुमान जी का दिन माना गया है। इस दिन कई लोग बजरंबली की कृपा पाने के लिए व्रत भी करते हैं। कई ज्योतिषयों का कहना है कि जो लोग मांगलिक दोष से युक्त होते हैं उन्हें हनुमान जी की कृपा के लिए ये व्रत जरुर करना चहिए।ताकि उनके जीवन में आने वाली हर मुश्किल हल हो सके। आज हम आपको इससे जुड़ी एक पौराणिक कथा के बारे में बताएंगे।

एक नगर में केशवदत्त और उनकी पत्नी अंजलि रहते थे। उनके के पास बहुत पैसा था। दोनों को अपने नगर में बहुत मान-सम्मान हासिल था। दोनों पति-पत्नी मंगलवार को हनुमान जी की पूजा करते थे। लेकिन दोनों की कोई संतान नहीं थी। इन दोनों की पूजा को देखकर किसी ने इन्हें मंगलवार का व्रत करने की सलाह दी। कुछ समय बाद से दोनों ने मंगलवार को हनुमान जी का व्रत करना शुरू कर दिया। दोनों दंपत्ति कई सालों तक हनुमान जी का व्रत करते रहे। लेकिन लेकिन कई सालों तक व्रत करने के बाद भी दोनों को कोई संतान नहीं हुई। दोनों निराश नहीं हुए और पूजा करना जारी रखा।

इतने दिनों व्रत करने के बाद भी जब उन्हें इसका फल न मिला तो केशवदत्त हनुमान जी की पूजा के लिए जंगल में चला गया और वहीं जाकर पूजा करने लगा।लेकिन उसकी पत्नी अंजलि घर में ही रहकर हनुमान जी की पूजा और व्रत करती रही। एक दिन मंगलवार को अंजलि हनुमान जी को भोग लगाना भूल गई। अंजलि को सूर्योस्त के बाद याद आया कि वो हनुमान जी को भोग लगाना भूल गई हैं। अपनी गलती को ठीक करने के लिए अंजलि ने अगले सात दिनों तक खाना नहीं खाया। कुछ दिनों बाद वे बेहोश हो गई। तभी सपने में हनुमान जी ने उन्हें दर्शन दिए और कहा कि, "उठो पुत्री, मैं तुम्हारी पूजा से खुश हुआ और तुम्हें पुत्र होने का वर देता हूं।"

पुत्र का वरदान देकर हनुमान जी गायब हो गए। कुछ दिनों बाद अंजलि को पुत्र की प्राप्ति हुई ।पुत्र प्राप्ति के कुछ दिनों बाद केशवदत्त घर लौटे तो पत्नी के हाथ में एक बच्चे को देखकर बहुत हैरान हुए। अंजलि ने उन्हें सारी कहानी सुनाई। लेकिन केशवदत्त को यकीन नहीं हुआ। केशवदत्त को लगा कि अंजलि ने उसके साथ विश्वाघात किया है।

कुछ समय बाद केशवदत्त ने बच्चे को मारने की योजना बनाई। कुछ दिनों का बाद वे बच्चे को घर से बाहर ले जाकर कुएं में गिरा देते हैं। लेकिन थोड़े समय बाद बच्चा कुएं से वापस निकल आया। बच्चे को देखकर केशवदत्त हैरान हो गया। उसी रात जब केशवदत्त सो रहा था तो सपने में हनुमान जी आए और सारी बात बताई। हनुमान जी ने कहा कि, "तुम अपनी पत्नी पर शक क्यों करते हो। मैंने तुम दोनों की पूजा से खुश होकर तुम्हें पुत्र होने का वरदान दिया है।"

सुबह उठकर केशवदत्त ने अपने पत्नी से माफी मांगी और सपने में हनुमान जी के दर्शन की बात बताई। तब से मंगलवार को हनुमान जी का व्रत करने की परंपरा चली आ रही है। जो भी सच्चे मन से हनुमान जी का व्रत करता है तो उसकी सभी मनोकामनाएं भगवान जरुर पूरी करते हैं।   
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