सूर्य का गोचर: भारत की कुंडली पर कैसा होगा इसका प्रभाव

Thursday, Jul 16, 2020 - 11:41 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
आज यानि 16 जुलाई दिन गुरुवार को सुबह 10:30 बज सूर्य देव का कर्क राशि में गोचर किया है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर माह सूर्य अपनी दशा-दिशा या यूं कहें कि घर बदलते हैं।जिसका असर न केवल 12 राशियां पर बल्कि पूरी सृष्टि पर पड़ता है। जुलाई माह के मध्य हुए इस गोचर की बात करें लाल किताब और वास्तु विशेषज्ञ आशु मल्होत्रा का मानना है, कि सूर्य के इस गोचर का संपूर्ण दुनिया पर तो प्रभाव पड़ने ही वाला है, परंतु खासतौर पर ये गोचर भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसके बारे में अपनी रात देते हुए ज्योतिषी आशु मल्होत्रा ने कहते हैं क्योंकि 8 फरवरी से पूरी दुनियां में कालसर्प योग बना हुआ है, जिसके कारक ग्रह राहु देव हैं। जो 7 मार्च 2019 से अपनी उच्च राशि मिथुन में चल रहे हैं। फरवरी से ही इन्होंने पूरी दुनियां में कोरोना वायरस के जरिए दुनिया की अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया।

अब माना जा रहा है कि इसका असर 16 जूलाई 2020 यानि आज से खत्म हो रहा, कयोंकि सूर्य देव अपने गोचर के साथ ही इस कालसर्प योग को भी तोड़ रहे हैं, जो पूरी दूनियां की अर्थव्यवस्था को दोबारा खड़ी करने में मददगार साबित होगा। 

इसके अलावा मंगल भी मीन राशि में चल रहे हैं और उनकी दृष्टि राहु पर हैं। जिसका ये मतलब है कि कोरोना वायरस का जो खेल चल रहा है उसका भेद भी पूरी दुनियां के सामने आएगा और इसके पीछे जो भी देश और जो भी लोग हैं।

उन्हें प्रकृति दंड देगी। भारत की पत्रिका की बात करें तो हमारे देश की कुंडली वृष लगन की है। सूर्य देव गोचर करके भारत की कुंडली के तीसरे भाव में आएंगे। 2 अगस्त, 2020 रविवार के दिन बुध देव भी सूर्य के साथ ही आ जाएंगे। 

इन दोनों के मेल-मिलाप से जो योग बनेंगे वो पूरे देश की उन्नति के लिए बहुत ही अच्छे साबित होंगे। सभी को बेरोज़गारों को कामकाज मिलेगा। सरकार की तरफ़ से भी हर संभव मदद मिलेगी और देश उन्नति करेगा।

तो वहीं जब राहु गोचर करके 22 सिंतबर को वृष राशि में आएंगे तो बहुत तेज़ी से देश आगे बढ़ेगा और सूर्य देव के गोचर से देश का प्राकरम भी बढ़ेगा और देश के दुशमनों को भी मुंह की खानी पड़ेगी। 

Jyoti

Advertising