मंगल बदल रहा है अपना घर, इन मंत्रों का जाप दिलाएगा आपका राहत

Thursday, Jun 18, 2020 - 12:01 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
18 जून यानि आज आषाढ़ कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि को  रात्रि 08 बजकर 12 मिनट पर मंगल ग्रह कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं, जहां मंगल 16 अगस्त तक गोचर करेंगे। बता दें ज्योतिष शास्त्र में मंगल ग्रह का संबंध साहस, जमीन, सोना और उत्साह से है। जिसका अर्थात येे हुआ कि इस परिवर्तन के दौरान जातक के साहस से लेकर उत्साह तक में बदलाव आएगा। अपनी वेबसाइट के माध्यम से हम आपको इस दौरान 12 राशियों पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में बता चुके हैं। अब हम आपको बताने वाले हैं मंगल ग्रह से संबंधित कुछ मंत्रों के बारे में। चूंकि मंगल ग्रह को समस्या ग्रहों में से क्रूर ग्रह माना जाता है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति इनके अशुभ प्रभाव से अधिक डरता है। ज्योतिष विशेषज्ञों की मानें तो इनके क्रूर प्रभाव से बचने का सबसे सरल तरीका इनके मंत्रों का जाप करना होता है। तो चलिए जानते हैं इन्हें प्रसन्न करने के मंत्र लेकिन इससे पहले जानेंगे मंगल देव से जुड़े खास बातें- 

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक मंगल ग्रह को ग्रहों का सेनापति माना गया है, ये युद्ध के देवता भी हैं। तो वहीं कहा जाता है मंगल व्यक्ति को जुझारू बनाता है। मंगल ग्रह मेष और वृश्चिक राशि के स्वामी, सूर्य, चंद्रमा और बृहस्पति के मित्र, बुध और केतु के शत्रु, शुक्र और शनि के साथ तटस्थ संबंध रखते हैं। ये  मकर राशि में उच्च और कर्क राशि में नीच के हो जाते हैं। 

अब बात करते हैं जब ये अशुभ प्रभाव देते हैं तो किसी तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है-
कहा जाता है जब मंगल अशुभ होते हैं तो कई प्रकार की दिक्कतें देते हैं, जैसे कि वैवाहिक जीवन में कष्ट, आर्थिक हानि, नौकरी-व्यवसाय आदि में दिक्कतें, जमीन संबंधी मामलों में नुकसान, आत्मबल में कमी, तथा क्रोध में गलत कदम उठाने की परिस्थिति का निर्माण करना आदि।  

मंगल दोष शांति के लिए क्या करें-
मंगलवार को हनुमान जी का उपासना करें। इससे मंगल दोष से मुक्ति मिलेगी। 

इसके अलावा मंगलवार को सुबह स्नान आदि से निवृत्त हो किसी नवग्रह मंदिर में लाल पूजा सामग्रियों से मंगल की पूजा कर लाल चंदन, लाल अक्षत, लाल कलेवा, वस्त्र, लाल फूल चढ़ाकर लाल अनार का भोग लगाएं। पूजा के बाद मंगलदोष शांति की कामना करते हुए थे नीचे लिखे 3 मंत्रों का जप करें। 

शास्त्रों के मुताबिक इन मंगल मंत्रों की जप संख्या 10000 होनी चाहिए। किंतु अगर इतना कर पाना संभव न भी हो तो यथाशक्ति इन मंत्रों का जप सुबह या शाम किया जा सकता है -

बीज मंत्र -
ॐ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम:।

सामान्य मंत्र -
ॐ अं अंगारकाय नम:

पौराणिक मंत्र -
धरणीगर्भसंभूतं विद्युत्कांति समप्रभम्। 
कुमारं शक्तिहस्तं च भौममावाह्यम्। 

Jyoti

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