वृश्चिक राशि में बृहस्पति की उल्टी चाल, जानें कौन-सी राशियां होंगी मालामाल

Monday, Apr 22, 2019 - 10:25 AM (IST)

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ज्योतिषीय दृष्टिकोण से साल 2019 का सबसे बड़ा परिवर्तन सोमवार ता॰ 22.04.19 की शाम 17:53 पर होने जा रहा है। देवगुरु बृहस्पति अपनी मूल त्रिकोण राशि धनु की त्यागकर अपने मित्र मंगल की राशि वृश्चिक में आ जाएंगे। भारतीय समय के अनुसार गुरु शनिवार ता॰ 30.03.19 को तड़के 03:09 बजे वृश्चिक से धनु राशि में आ गए थे। बुधवार ता॰ 10.04.19 को रात 22:30 बजे वक्रिय हो गए थे। लगभग 23 दिन बाद देवगुरु बृहस्पति पुनः अपनी राशि छोड़कर वृश्चिक राशि में प्रवेश कर जाएंगे और रविवार ता॰ 11.08.19 को शाम 19:07 तक सक्रिय होंगे। देवगुरु का 123 दिनों तक वक्रीय रहेंगे। इसके बाद साल 2019 में देवगुरु बृहस्पति मंगलवार ता॰ 05.11.19 सुबह 06:42 पर फिर से धनु राशि में प्रवेश करेंगे। गुरु ग्रह संतान, धन, जीवनसाथी व सुख का कारक है। गुरु के राशि परिवर्तन का असर हर व्यक्ति के जीवन पर पड़ेगा। यह परिवर्तन कुछ के लाभकारी व कुछ के लिए परेशानी खड़ी करेगा।

आइए जानते हैं गुरु के गोचर का सभी राशियों पर क्या असर डालेगा-
मेष: नवम व द्वादश के स्वामी गुरु के अष्टम में आने से यह परिवर्तन लाभकारी नहीं रहेगा। भाग्य का साथ नहीं मिलेगा। दुर्भाग्य की वजह से असफलताएं मिल सकती हैं धन हानि भी हो सकती है। आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।
उपाय: पीपल के पत्ते पर हल्दी लगाकर विष्णु मंदिर में चढ़ाएं।

वृष: अष्टम व एकादश के स्वामी गुरु के सप्तम में आने से दाम्पत्य जीवन मधुर रहेगा व जीवनसाथी की ओर से खुशियां मिलेंगी। जीवनसाथी की भावनाओं की कद्र करें। व्यावसायिक साझेदारी से लाभ होगा। पार्टनर की मदद से लाभ मिलेगा।
उपाय: पीपल के नीचे हल्दी की गाठें चढ़ाएं।

मिथुन: सप्तम व दशम के स्वामी गुरु के षष्ठम में आने से शत्रु परेशान करेंगे। भाई-बहनों से मतभेद हो सकते हैं। लंबी बीमारी के योग हैं। सफलता के लिए आपको संघर्ष करना पड़ेगा। प्रोफेशनल लाइफ में परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। 
उपाय: लाल कपड़े में चना बांधकर किसी वृद्ध विप्र को भेंट करें।

कर्क: षष्ठम व नवम के स्वामी गुरु के पंचम भाव में आने से संतान सुख की प्राप्ति हो सकती है। सरकारी विभाग या प्राधिकरण से लाभ मिलने की संभावना है। अच्छे लोगों की संगत मिलेगी। प्रबुद्ध व्यक्तियों से आपका मेल-जोल बढ़ेगा।
उपाय: हनुमान मंदिर मिठाई और फल दान करें।

सिंह: पंचम व अष्टम के स्वामी गुरु के चतुर्थ भाव में आने से मित्र के साथ मतभेद हो सकते हैं। सामाजिक अपमान के योग हैं। घर में शुभ कार्य संपन्न हो सकता है। वाहन से दुर्घटना के योग हैं। माता का स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है।
उपाय: गरीब बच्चे को पीले वस्त्र दान करें।

कन्या: चतुर्थ व सप्तम के स्वामी गुरु के तृतीय भाव में आने से व्यवसाय में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। बिजनेस निवेश करने से बचें। लापरवाही के कारण प्रमोशन रुक सकता है। ऑफिस में बेकार की बातें करने से बचें। 
उपाय: गाय को भिगोई हुई चना दाल खिलाएं।

तुला: तृतीय व षष्ठम के स्वामी गुरु के द्वितीय भाव में आने से धन संचय व लाभ की प्राप्ति होगी। निवेश की संभावना बनेगी। पारिवारिक जीवन में शांति रहेगी। आपके व्यक्तित्व से लोग प्रभावित होगे। प्रोफेशनल लाइफ शानदार रहेगी।
उपाय: पीली सरसों सिर से वार कर जलाएं।

वृश्चिक: द्वितीय व पंचम के स्वामी गुरु के लग्न में आने से कष्ट हो सकते है। चुनौतियों व परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। काम के सिलसिले में घर से दूर जाना पड़ सकता है। बेवजह के खर्च करने से बचें। लेन-देन में सावधानी बरतें।
उपाय: गरीब बच्चे को बेसन का हलवा खिलाएं।

धनु: लग्न व चतुर्थ के स्वामी गुरु के द्वादश भाव में आने से मानसिक तनाव बढ़ेगा। धैर्य और संयम के साथ काम लें। प्रॉपर्टी को लेकर भी कोई विवाद हो सकता है। धन हानि से परेशान रहेंगे। पैसों के लेन-देन में सतर्क रहें व निवेश से बचें। 
उपाय: नित्य केसर से तिलक करें।

मकर: द्वादश व तृतीय के स्वामी गुरु के एकादश भाव में आने से प्रोफेशनल लाइफ में उन्नति होगी। व्यावसाय में बेहतर परिणाम मिलेंगे। कार्यस्थल पर पदोन्नति की संभावना है। जनेस के विस्तार में सफलता मिलेगी। आध्यात्म में रुझान बढ़ेगा।
उपाय: घर की छत पर पीले फूलों का गमला लगाएं।

कुंभ: एकादश व द्वितीय के स्वामी गुरु के दशम में आने से नौकरी व व्यवसाय के लिए अशुभता रहेगी। सहकर्मी व अधिकारियों मतभेद हो सकते हैं। सेहत प्रभावित हो सकती है। इच्छा शक्ति में कमी आएगी और मानसिक तनाव रहेगा।
उपाय: केले के पेड़ की पूजा करें।

मीन: लग्न व दशम के स्वामी गुरु के नवम भाव में आने से स्थिति लाभकारी सिद्ध होगी। कार्यक्षेत्र में तरक्की होगी। सैलरी में बढ़ोत्तरी हो सकती है। प्रोफेशनल लाइफ में बढ़ोत्तरी होगी। आध्यात्मिक कार्यों में रुचि लोकप्रियता में वृद्धि होगी। 
उपाय: शिवालय में केले दान करें।

आचार्य कमल नंद लाल
kamal.nandlal@gmail.com
वृश्चिक राशि में बृहस्पति की उलटी चाल, किन राशियों को बनाएगी मालामाल (VIDEO)

Jyoti

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