Lal Kitab: संतान सुख के लिए इससे बढ़ कर कोई उपाय है ही नहीं !

Thursday, Apr 29, 2021 - 08:01 AM (IST)

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Significance of Lal Kitab for birth of a child- भोजन, वस्त्र और आवास की तरह ही पारिवारिक सुख-सुविधा के लिए पत्नी और संतान की परम आवश्यकता है। एक सुशील और अच्छी पत्नी मिलना सौभाग्य की बात है। सुशील पत्नी मिल भी जाए तो उसके बाद सबसे बड़ी चिंता होती है संतान की। संतान सुख का अभाव कितना पीड़ादायक होता है यह दर्द केवल वे दम्पति ही समझ सकते हैं जो इस सुख से वंचित हैं। यदि शरीर स्वस्थ है, किसी प्रकार का कोई रोग नहीं है, घर में भी सभी निरोगी और स्वस्थ हैं, जरूरत के अनुसार आय भी है परन्तु यदि संतान सुख न हो तो उस व्यक्ति का पारिवारिक जीवन नरक बन जाता है।


Astrology Remedies For Childlessness- ऐसे भाग्यशाली लोग कम ही होते हैं जिन्हें मनचाही संतान मिल पाती है। जिन दंपतियों को संतान सुख नहीं है। वे संतान प्राप्त करने के लिए लाल किताब के उपायों का सहारा लें। ॐ के उच्चारण की तरह सुंदर शब्द ‘मां’, गंगा-सा पवित्र शब्द है ‘मां’। मां की ममता को कई सीमा नहीं, उसे तो अपने बच्चे में ही भगवान का रूप दिखाई देता है। कुछ विपरीत परिस्थितियां भी हैं। जो माता-बहने संतान सुख से वंचित हैं या जिनका घर बच्चों की किलकारियां के लिए तरसता है उसकी स्थिति क्या होती होगी? क्या इसका कोई उपाय नहीं जिससे संतान का सुख पाया जा सके। 

lal kitab remedies for conceiving- उपाय तो मंत्र-तंत्र-यंत्र एवं ज्योतिष में बहुत है पर आवश्यकता है तो मात्र श्रद्धा व पूर्ण विश्वास की। यदि ईश्वर पर पूर्ण विश्वास एवं श्रद्धा है तो ‘संतान गोपाल साधना’ करें, निश्चित रूप से मनोकामना पूर्ण होगी और अवश्य होगी।

lal kitab remedies for fertility problems- धन्योऽपि गृहस्थ आश्रम : चार आश्रम, ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ व संन्यास आश्रम में से गृहस्थ आश्रम की महिमा ऋषि-महर्षियों ने भी प्रतिपादित की है। देव भी गृहस्थाश्रम सुख भोगने के लिए पृथ्वी लोक पर बार-बार जन्म लेते हैं।

lal kitab and children yog- संतान गोपाल साधना करने की सलाह दी जाती है। यह प्रयोग हजारों बार सफल होते देखा है और जो नि:संतान हैं, उनके लिए इससे बढ़ कर कोई उपाय है ही नहीं।

lal kitab remedies for childless couple यदि बच्चे जन्म लेते ही मृत्यु को प्राप्त हो जाते हों तो ऐसी स्थिति में कुछ उपाय कर निदान किया जा सकता है। जैसे गर्भधारण करते ही गर्भवती स्त्री की कलाई पर लाल रंग का धागा बांधना चाहिए। संतान होने पर वह धागा मां की कलाई से खोलकर बच्चे की कलाई पर बांध दें एवं मां की कलाई पर दूसरा धागा बांध दें। यह धागा 18 माह तक बंधा रहे, इस बात का विशेष ध्यान रखें।

Santan Prapti Ke Achuk Upay

ऋद्धि-सिद्धि दाता श्री गणेश जी की आराधना-उपासना करें।

प्रतिदिन भोजन में से कुछ अंश गाय आदि जानवरों को दें।

दिन में तंदूर की मीठी रोटियां बनाकर आवारा कुत्तों को खिलाएं।

किसी कुतिया के यदि एक ही पिल्ला उत्पन्न हुआ हो तो उसे स्वयं के घर में पालने से भी संतान जीवित रहने लगती है।

संतान उत्पन्न होने में यदि शनि अशुभ प्रभाव दे रहा है तो शनि की वस्तुएं भतीजे/भतीजी के हाथों से दान करवाएं।

पांचवें भाव में पापी ग्रह या केतु होगा तो संतान का अनिष्ट होगा।

उपरोक्त लाल किताब के उपायों को अपनाकर आप भी संतान सुख प्राप्त कर सकते हैं।

 

Niyati Bhandari

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