आज का पंचांग: 18 फरवरी 2019

Monday, Feb 18, 2019 - 09:17 AM (IST)

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आज 18 फरवरी, सोमवार चतुर्दशी तिथि है। जिसके स्वामी शंकर हैं। इस तिथि में जन्मा बच्चा धार्मिक संस्कारों, पर पराओं में इंट्रैस्ट रखने तथा उन्हें निभाने वाला, कथनी तथा करनी पर पूरा उतरने वाला, अफसरों से आदर-सत्कार पाने वाला तथा अच्छी कमाई करने वाला होता है। नेचर से कुछ खर्चीला तथा खर्च करते समय आगा-पीछा न देखने वाला होता है।

नक्षत्र- पुष्य नक्षत्र के देवता बृहस्पति तथा स्वामी शनि हैं। इस नक्षत्र में जन्मा बच्चा गुड लुकिंग, गुड अपीयरैंस वाला, कूल तथा सा ट नेचर वाला, शांति प्रिय, झगड़े- विवादों से तथा कंट्रोवर्सी से परे रहने वाला होता है। वह अपनी इंटैलीजैंस से कठिन कामों को भी सुलझा कर उनके टारगेट तक पहुंचा देने की क्षमता रखने वाला होता है।

योग- सौभाग्य योग के स्वामी ब्रह्म हैं। इस योग में जन्मा बच्चा जीवन में अपनों का सहयोग पाता है किन्तु वह अपनी तरक्की के लिए अपनी बुद्धिमता, सूझबूझ को अधिक इम्पोर्टैंस तथा प्रैफरैंस देने वाला होता है। वह अपनी तरक्की के लिए अपनी राहें स्वयं तलाशता है। ब्रह्म जी की पूजा-अर्चना करना, पीपल, वट, तुलसी जैसे पौधे लगाना, उनकी केयर करना कल्याणकारी रहता है।

करण- गर करण की स्वामी भूमि है। इस करण में जन्मा बच्चा लैंड्ïस-एग्रीकल्चरल लैंड हो या अर्बन लैंड्स-की सेल परचेज, प्लाटों, बिल्ट अप मकानों, कोठियों, लैटों की सेल-परचेज, रियल एस्टेट के काम-धंधे से आजीविका चलाने वाला होता है। उसे बागवानी भी सूट कर सकते हैं।

वार- सोमवार के देवता अधिदेवता शिव-पार्वती हैं। सोमवार को जन्मा बच्चा कुछ कूल नेचर वाला, शांत तबीयत वाला, हर बात पर सोच-विचार कर धैर्य के साथ रिएक्ट करने वाला तथा अफसरों-बड़े लोगों तक अप्रोच रखने वाला होता है। वह सुख-दुख को सहजता के साथ सहने वाला, ग भीर किस्म का होता है। चंद्रमा की तथा गौरी की पूजा-अर्चना करना तथा सफेद फूल देने वाले पौधे लगाना कल्याणकारी रहता है।

शुभ पंचांग-
तारीख : 18 फरवरी, 2019
वार :    सोमवार
अयन     : उत्तरायण 
विक्रमी सम्वत : 2075
विक्रमी फाल्गुन प्रविष्ट :    6
राष्ट्रीय शक सम्वत : 1940
शक माघ तारीख    : 29
हिजरी साल : 1440
महीना : जमादि उल्सानी, तारीख 12
पक्ष :    माघ शुक्ल
तिथि    : चतुर्दशी (18-19 मध्य रात 1.12 तक) तथा तदोपरांत तिथि पूर्णिमा।
नक्षत्र    : पुष्य (बाद दोपहर 2.02 तक) तथा तदोपरांत नक्षत्र आशेषा।
योग    : सौभाग्य (सायं 4.06 तक) तथा तदोपरांत योग शोभन।
करण : गर (बाद दोपहर 3.01 तक) तथा तदोपरांत करण वणिज।
चंद्र राशि :    कर्क (पूरा दिन-रात)।
सूर्योदय/सूर्यास्त :    प्रात: 7.10/सायं 6.12 (जालन्धर समय)।
राहू काल : प्रात: 07.30 से 09.00 बजे तक।

स्पैशल पर्व-दिवसः बसंत ऋतु प्रारंभ। रफी अहमद किदवई जन्म दिवस। 

सूर्योदय कालीन कुंडलीः
सूर्य    कुंभ में
चंद्रमा  कर्क  में
मंगल      मेष में
बुध    कुंभ में
गुरु    वृश्चिक में
शुक्र    धनु में
शनि    धनु में
राहू    कर्क में
केतु    मकर में

दिशा शूलः
पूर्व एवं ईशान दिशा के लिए इस दिशा की यात्रा न करें।

भद्रा कालः
भद्रा 18-19 मध्य रात 1.12 पर प्रारंभ होगी।

आज पैदा होने वाले बच्चों का नामाक्षर तथा भविष्यफलः
समय -प्रात: 8.44 से लेकर बाद दोपहर 2.02 तक
नामाक्षर-
यह बच्चा कोर्ट-कचहरी, लैंड्स के रिकार्ड, मैजरमैंट, कंसोलिडेशन के काम के साथ जुड़े प्रोफैशन में इंट्रैस्ट रखने वाला, पैट्रोलियम, लुब्रीकेंट्स के काम को भी पसंद करने वाला होता है।

समय - बाद दोपहर 2.03 से लेकर सायं 7.17 तक
नामाक्षर-    डी
यह बच्चा रिटेल का कारोबार करने वाला, अकाऊंटस के काम में रुचि रखने वाला, खाने-पीने एवं स्वादिष्ट भोजनों, लिटरेचर पढ़ने, यूजिक सुनने में शौक रखने तथा कुछ आऊट स्पोकन नेचर वाला होता है।

समय - सायं 7.18 से लेकर 18-19 मध्य रात 12.33 तक
नामाक्षर-    डू
यह बच्चा टाकेटिव, स्वीट साफ्ट स्पोकन, लिकर, आइसक्रीम का शौकीन, पैट्रोलियम, माइन्स, कैमिकल्स से जुड़े काम-धंधे को पसंद करने वाला होता है। नेचर से कुछ कूल तथा चंचल होता है।

समय - 18-19 मध्य रात 12.34 से लेकर अगले दिन (19 फरवरी) प्रात: 5.48 तक)
नामाक्षर- डे
यह बच्चा पेंट्स, रबड़, प्लास्टिक, प्लाई, इंडस्ट्री के साथ जुड़े प्रोफैशन को पसंद करने वाला होता है। कभी-कभी उस पर क्रिमिनल सोच भी हावी हो सकती है।
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