आज का गुडलक: कोई भी ऐसा कष्ट नहीं है जो दूर नहीं होगा

punjabkesari.in Saturday, Jul 29, 2017 - 06:23 AM (IST)

शनिवार दिनांक 29.07.17 को गायत्री जपम मनाया जाएगा। गायत्री जपम यजुर्वेद व ऋग्वेद उपाकर्म से जुड़ा है। इसे उत्तर भारत में श्रावणी उपाकर्म के नाम से जाना जाता है। इस दिन वेद माता गायत्री की उपासना का विधान है। धर्मानुसार वेदों का स्थान सर्वोपरीय है। वेदों को ब्रह्म-विज्ञान कहा जाता है। गायत्री मंत्र के 24 अक्षरों की भांति ही ब्रह्म-विज्ञान की संख्‍या भी 24 ही है। इनमें 4 वेद, 4 उपवेद, 4 ब्राह्मण, 6 दर्शन व 6 वेदांग हैं। इनका जोड़ 24 है। तत्त्व विज्ञान के अनुसार गायत्री के 24 अक्षरों के आधार पर ही इन 24 शास्‍त्रों का निर्माण हुआ है। धर्मानुसार गायत्री ही वेदमाता हैं अर्थात वेदों की जननी। गायत्री मंत्र के जाप से कोई भी ऐसा कष्ट नहीं है जो दूर नहीं हो सकता। मनु संहिता के अनुसार गायत्री जप से मनुष्य परब्रह्य को प्राप्‍त होता है।

 

विशिष्ट पूजन: शिवलिंग के समीप गायत्री पूजन करें, सरसों के तेल का दीपक करें, लोहबान धूप करें, चंदन से तिलक करें, नीले फूल चढ़ाएं, जलेबी का भोग लगाएं। पूजन उपरांत जलेबी काली गाय को खिला दें।


विशेष पूजन मुहूर्त: सुबह 10:46 से सुबह 11:41 तक रहेगा।


अभिजीत मुहूर्त: दिन 12:00 से 12:54 तक।


अमृत काल: अगले दिन रात 12:32 से प्रात 02:15 तक।


यात्रा महूर्त: दिशाशूल- पूर्व, नक्षत्र शूल- नहीं है, राहु कला वास- पूर्व। अतः आज पूर्व दिशा की यात्रा टालें।


आज का गुडलक ज्ञान
गुडलक कलर:
सिंदूरी।


गुडलक दिशा: पश्चिम।


गुडलक टाइम: शाम 15:48 से शाम 16:19 तक।


गुडलक मंत्र: ॐ तत्पुरुषाय विद्महे। महादेवाय धीमहि। तन्नो रुद्रः प्रचोदयात॥


गुडलक टिप: सौभाग्य प्राप्ति हेतु भोजपत्र पर हल्दी से गायत्री मंत्र लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाएं।


गुडलक फॉर बर्थडे: जनेऊ पर केसर लगाकर काले शिवलिंग पर चढ़ाएं इससे पूरे साल मानसिक स्थिरता बनी रहेगी।


गुडलक फॉर एनिवर्सरी: पति-पत्नी मिलकर किसी शनि मंदिर में एक नारियल चढ़ाएं इससे संबन्धों में मधुरता आएगी।


आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com


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