Pitru paksha: इस विधि से करें तीसरे दिन श्राद्ध, मिलेगा पितरों का आशीर्वाद

Monday, Sep 12, 2022 - 07:45 AM (IST)

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Pitru paksha 2022: आज सोमवार, 12 सितंबर आश्विन कृष्ण तृतीया पर तीज का श्राद्ध मनाया जाएगा। शास्त्र याज्ञ-वल्क्य-स्मृति के अनुसार मूलतः श्राद्ध होम, पिण्डदान व तर्पण से अधिक तार्किक है। वास्तविकता में पितृगण साक्षात वसु, रुद्र व आदित्य रूप में श्राद्ध के देवता हैं। मूलतः मनुष्य के तीन पूर्वज हैं पिता, पितामह व प्रपितामह। अतः श्राद्ध करते समय उनको पूर्वजों का प्रतिनिधि माना जाता है। मान्यतानुसार वसु, रुद्र व आदित्य श्राद्धकर्ता में प्रवेश करके व रीति-रिवाजों के अनुसार कराए गए श्राद्ध से तृप्त होकर अपने वंशधर को सपरिवार सुख-समृद्धि का आर्शीवाद देते हैं। श्राद्ध कर्म में उच्चारित मंत्रों व आहुतियों को वे पितृगण तक ले जाते हैं। तृतीया श्राद्ध के विधिवत पूजन, पिंड व तर्पण से व्यक्ति को सद्बुद्धि, स्वास्थ्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

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तृतीया श्राद्ध विधि: तृतीया श्राद्ध में तीन ब्राह्मणों को भोजन करवाने का मत है। श्राद्ध में गंगाजल, कच्चा दूध, तिल, जौ तुलसी पत्र व शहद मिश्रित जल की जलांजलि दें। तदुपरांत पितृगणों का विधिवत पूजन करें। गौघृत का दीप करें, सुगंधित धूप करें, चंदन व गुलाबी फूल चढ़ाएं। कढ़ी, भात, खीर, पूड़ी व सात्विक सब्जी का भोग लगाएं। तदुपरान्त पिता से आरंभ कर अन्तिम पीढ़ी के सभी दिवंगत पितृगण का नामोच्चारण करते हुए स्वधा शब्द से अन्न जल की आहुति दें।

पितृ के निमित्त लक्ष्मीपति का ध्यान करते हुए गीता के तीसरे आध्याय का पाठ करें व उनके निमित्त इस विशेष पितृ मंत्र का यथा संभव जाप करें। निमंत्रित ब्राह्मण का सत्कार कर भोजन करवाएं। शक्कर, चावल व सफ़ेद वस्त्र, व उचित दक्षिणा देकर आशीर्वाद लें। 


विशेष मंत्र: ॐ भूतभव्यभवत्प्रभवे नमः॥

Niyati Bhandari

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