परिवार में आपसी प्रेम बनाए रखने के लिए अपनाएं ये सीख

Friday, Apr 19, 2019 - 02:44 PM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा (Video)
हमारे हिंदू धर्म में शुक्रवार का दिन माता लक्ष्मी को समर्पित होता है। कहते हैं जो भी व्यक्ति इस दिन सच्चे मन से मां का व्रत या पूजा करता है तो माता उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी करती हैं। मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए हर व्यक्ति कोई न कोई उपाय करता रहता है औक की बार ऐसा होता है कि व्यक्ति से कभी न कभी कोई गलती हो जाती है, जिससे कि माता नाराज हो जाती हैं। आज हम आपको एक ऐसे प्रसंग के बारे में बताएंगे जिससे ये पता चलेगा कि कैसे माता अपने भक्तों पर कृपा करती हैं। 

एक बार एक व्यापारी से लक्ष्मी जी रूठ गई और जाते समय बोली मैं जा रही हूं और मेरी जगह अलक्ष्मी (हानि) आएगी तैयार हो जाओ। लेकिन मै तुम्हे अंतिम भेट जरूर देना चाहती हूं, मांगो जो भी इच्छा हो। तब व्यापारी बनिया बहुत समझदार था, उसने लक्ष्मी जी से विनती की अगर टोटा आए तो आने दो। लेकिन उससे कहना की मेरे परिवार में आपसी प्रेम बना रहे, बस मेरी यही इच्छा है, लक्ष्मी जी ने तथास्तु कहा और चली गई।

कुछ दिनों के बाद व्यापारी बनिए की सबसे छोटी बहू खिचड़ी बना रही थी, उसने नमक आदि डाला और अन्य काम करने लगी, तभी दूसरे लड़के की बहू आई और उसने भी बिना चखे नमक डाला और चली गई। इसी प्रकार तीसरी, चौथी बहुएं आई और नमक डालकर चली गई। उनकी सास ने भी ऐसा किया। शाम को सबसे पहले व्यापारी बनिया आया और उसने पहला निवाला मुंह में लिया और जैसे ही खाया तो पता चला कि खिचड़ी में बहुत ज्यादा नमक है, लेकिन वह समझ गया टोटा (हानि) आ चुका है। उसने चुपचाप खिचड़ी खाई और चला गया । इसके बाद बड़े बेटे का नम्बर आया, पहला निवाला मुंह में लिया और पूछा पिता जी ने खाना खा लिया, क्या कहा उन्होंने ? सभी ने एक स्वर में उत्तर दिया- हां खा लिया, कुछ नहीं बोले।

अब लड़के ने सोचा जब पिता जी ही कुछ नहीं बोले तो मै भी चुपचाप खा लेता हूं। इस प्रकार घर के अन्य सदस्य एक-एक करके आए और पहले वालों के बारे में पूछते और चुपचाप खाना खा कर चले जाते। रात को टोटा (हानि) हाथ जोड़कर व्यापारी बनिए से कहने लगा, मैं जा रहा हूं, व्यापारी ने पूछा- क्यों ? तब टोटा (हानि) कहने लगा आप लोग एक किलो तो नमक खा गए, लेकिन बिलकुल भी झगड़ा नहीं हुआ, मेरा यहां कोई काम नहीं, और हानि (टोटा) के जाते ही लक्ष्मी जी पुनः व्यापारी बनिए के घर में आकर निवास करने लगी।

Lata

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