ईश्वर को अपने साथ रखने के लिए अपनाएं ये विधि

Monday, Jul 31, 2017 - 11:47 AM (IST)

एक बार एक धनी व्यक्ति किसी फकीर के पास गया। उसने फकीर से कहा, ‘‘मैं प्रार्थना करना चाहता हूं लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद मैं प्रार्थना नहीं कर पाता हूं। मुझमें अंदर ही अंदर वासना बनी रहती है। चाहे कितना भी आंखें बंद कर लूं लेकिन ध्यान केन्द्रित नहीं कर पाता, इससे परमात्मा के दर्शन नहीं होते।’’


उक्त बातें सुनकर फकीर उस व्यक्ति को एक खिड़की के पास ले गया, जिसमें साफ कांच लगा हुआ था। उसके पार पेड़, पक्षी, बादल और सूर्य सभी दिखाई दे रहे थे। इसके बाद फकीर उस धनिक को दूसरी खिड़की के पास ले गया, जहां कांच पर चांदी की चमकीली परत लगी हुई थी, जिससे बाहर का कोई भी दृश्य साफ दिखाई नहीं दे रहा था। बस धनिक का चेहरा ही दिखाई दे रहा था।


फकीर ने समझाया, जिस चमकीली परत के कारण तुम्हें सिर्फ अपनी शक्ल दिखाई दे रही है, वह तुम्हारे मन के चारों ओर भी है। इसीलिए तुम ध्यान में जिधर भी देखते हो केवल खुद को ही देखते हो। जब तक तुम्हारे ऊपर वासना की परत है तब तक परमात्मा और ब्रह्मा का ध्यान करना तुम्हारे लिए बेमानी है।


तुम इस वासना रूपी चांदी की परत से हटो। शीशे जैसे पारदर्शी और स्वच्छ मन से उसका ध्यान करो, फिर देखना ईश्वर जरूर तुम्हारे साथ रहेंगे।

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