कलियुग का TIME PERIOD जानते हैं आप !

Tuesday, Jan 01, 2019 - 03:17 PM (IST)

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हिंदू शास्त्रों में चार युग का वर्णन किया गया है जिसके बारे में ज्यादातर लोगों को पता होगा। बता दें ये चार युग हैं सतयुग, द्वापर, त्रेता और कलियुग। वर्तमान समय में हम जिस युग में जी रहे हैं वह कलियुग है। इससे पहले तीन युग बीत चुके हैं। युग शब्द का अर्थ होता है एक निर्धारित संख्या के वर्षों की काल-अवधि यानि टाइम पीरियड। शास्त्रों में बताया गया है कि कलियुग की अवधि सब युगों में से कम है। तो आइए आज इससे जुड़ी बातों के बारे में जानते हैं।

भगवान श्री राम का जन्म त्रेतायुग में हुआ था और द्वापर में भगवान श्री कृष्ण का। कलियुग के अंत में भगवान विष्णु कलकि अवतार लेंगे और संसार में फैले पाप और अन्याय के साम्राज्य का अंत करके दोबारा धर्म की स्थापना करेंगे। तो चलिए आज हम बात करते हैं 4 युगों के टाइम पीरियड की।

भगवान ने चारों युगों में सबसे कम उम्र कलियुग को प्रदान की है। शास्त्रों में सतयुग की अवधि 17 लाख 28 हजार वर्ष बताई गई है और त्रेता की अवधि 12 लाख 28 हजार, द्वापर युग की अवधि 8 लाख 64 हजार है जो त्रेता से लगभग 4 लाख वर्ष कम है। कलियुग की अवधि द्वापर से ठीक आधी, यानि 4 लाख 32 हजार है।

सतयुग से लेकर कलयुग तक के सभी युगों की अवधि छोटी होती गई है। इसका कारण यह है कि, भगवान बताना चाहते हैं, जो जितना पापी होगा उसकी उम्र उतनी कम होगी। भविष्य पुराण और अन्य कई शास्त्रों एवं पुराणों में बताया गया है कि कलियुग में पाप अपने चरम सीमा पर होगा। धीरे-धीरे मनुष्य का व्यवहार सृष्टि के नियम के विरूद्ध होता जाएगा और एक समय आएगा जब मनुष्य हिंसा करने में पशुओं को भी पीछे छोड़ देगा। पशु तो सिर्फ अपनी भूख मिटाने के लिए दूसरे पशुओं को मारते हैं लेकिन कलियुग मनुष्य बिना किसी कारण ही दूसरे मनुष्य को मारेगा। सच्चे संत भिखारी कहलाएंगे और अपमानित होंगे। कथावाचक और झूठे संत ऊंचे आसन पर विराजमान होंगे। तुलसीदास जी ने भी कलियुग के इस रूप का वर्णन किया है।

त्रेतायुग में जब रावण ने सीता का हरण किया लेकिन उनकी मर्जी के बिना उन्हें अपनाना रावण ने पाप समझा। इस युग में छोटा भाई बड़े भाई के प्रति आज्ञाकारी था। बड़ा भाई अपने स्वार्थ के लिए छोटे भाई के साथ छल नहीं करता था। इसका उदाहरण राम, लक्ष्मण,  भरत और शत्रुघ्न ये चार भाई हैं।

त्रेता से जब द्वापर में आते हैं तब पाप बढ़ता दिखता है। द्वापर युग में देवर अपनी भाभी को बीच सभा में नग्न करने की कोशिश करता है जिसका उदाहरण द्रौपदी चीर हरण की घटना है। भाई अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए पूरे परिवार को युद्घ की आग में झोंक देता है इसका उदाहरण महाभारत युद्ध है।

लेकिन कलियुग में आए दिन भाई-भाई, बाप-बेटे में स्वार्थ की पूर्ति के लिए लड़ाई होती है। लोगों की काम-वासना इतनी बढ़ गई है कि आए दिन स्त्रियों का हरण होता है और उन्हें अपमानित किया जाता है। पाप आचरण से भरा हुआ कलियुग अगर अधिक दिनों का होगा तो सृष्टि में हाहाकार मच जाएगा। यही कारण है कि भगवान ने कलियुग को सबसे कम उम्र दी।
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