बृहस्पतिवार: साईं देंगे वरदान तो बनेंगे सभी बिगड़े काम

Wednesday, May 31, 2017 - 03:30 PM (IST)

साई बाबा ने अपने संपूर्ण जीवनकाल में बहुत से ऐसे चमत्कार किए जिससे प्रत्येक धर्म के अनुयायी उन्हें ईश्वर का रूप मानने लगे। इन्हीं चमत्कारों के बल पर साई बाबा को ईश्वर का अवतार माना जाता है। हिन्दू एवं मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग इन्हें अपना इष्ट मानते हैं। वह अपने भक्तों से समभाव से प्रेम करते हैं। वह किस जाति के थे। इस संदर्भ में उन्होंने कभी कुछ नहीं कहा। वह सदा मानवता, प्रेम और दयालुता को अपना धर्म मानते थे। श्रद्धालुओं का बड़ा गुट उन्हें गुरु के रूप में भी पूजता है। बृहस्पति से मिलने वाले अशुभ प्रभावों को दूर करने के लिए गुरू होने के कारण गुरूवार के दिन साईं अराधना से समस्त मनोरथ पूर्ण होते हैं। 


जीवन की सबसे बड़ी खुशी नेक औलाद पाना भी इस दिन की गई उपासना से प्राप्त होती है। ज्योतिष विद्वान भी मानते हैं की संतान सुख से वंचित हैं तो बृहस्पतिवार को साई के निमित्त किए गए उपाय अद्भुत परिणाम देते हैं। 


विद्वान पंडित से साई बाबा के चरण चिन्ह अथवा उनका स्वरूप घर के मंदिर में स्थापित करवाएं।


साई मंदिर अथवा घर में बाबा के चरणों में पीले फूलों की माला अर्पित करें। माला न हो तो फूल भी कर सकते हैं।


केले का दान करें, स्वयं न खाएं।


प्रत्येक गुरूवार साई बाबा के मंदिर दर्शनों के लिए जाएं और साष्टांग प्रणाम करें (केवल पुरूष, शास्त्रों में महिलाओं का साष्टांग प्रणाम करना वर्जित है)। फिर 7 बार परिक्रमा करें और बाबा के सामने अपने मन की इच्छा जाहिर करें।


साई के चरण चिन्ह, स्वरूप अथवा चित्रपट पर घी का एक मुखी दीपक और चंदन की सुगंध वाली अगरबत्ती लगाएं।


बृहस्पतिवार को पीले रंग के कपड़े पहनें। 


गुड़ चने, पीले फल और हलवा-पूरी का भोग लगाकर बांट दें। अंत में स्वयं खाएं।


साईं चरित का पाठ, मंत्र जप और आरती करें।

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