सूर्य ग्रहण की छाया में मनाया जाएगा इस बार विश्व योग दिवस

Tuesday, Jun 16, 2020 - 02:01 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
जहां एक ओर 21 जून को 2020 साल का सबसे बड़ा सूर्य ग्रहण घटित होने वाला है। तो वहीं इसी दिन विश्व योग दिवस मनाया जाता है। बता दें योग मूलतः भारतीय दर्शन है, भारत की ही पहले से योग दिवस पूरे विश्व में मनाया जाने लगा। बताते चलें 2014 में प्रधानमंत्र नरेंद्र मोदी ने 2014 में संयुक्त राष्ट्र की महासभा में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को मनाने का प्रस्ताव रखा था। जिसे मंजूरी देते हुए संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को विश्व योग दिवस के रूप में मनाने की आधिकारिक घोषणा की थी। आगे जानें योग दिवस का महत्व, साथ ही इसे मनाए जाने का मुख्य कारण- 

महत्व
योग विशेषज्ञों का मानना है कि योग सिर्फ शारीरिक रूप से स्वस्थ्य रहने का माध्यम नहीं है बल्कि यह एक दर्शन है, जिसका आयाम व्यापक है। बता दें इसके प्रणेता महर्षि पतंजलि हैं। पौराणिक अख्यानों की मानें तो योग दर्शन छह दर्शनों (षड्दर्शन) में से एक है। इसका उद्देश्य मनुष्य को वह मार्ग दिखाना है जिस पर चलकर वह जीवन के परम लक्ष्य की प्राप्ति कर सके। कहा जाता है मैडिटेशन के माध्यम से कोई भी बहुत ही सरलता से व्यक्ति आत्म-साक्षरता पाकर परमात्मा से जुड़ सकता है। इतना ही नहीं योग मनुष्य की आध्यात्मिक चेतना को जागृत भी करने की क्षमता रखता है। तो वहीं जिन लोगों का अपने मन पर काबू नहीं होता वो इसके माध्यम से अपने मन पर नियंत्रण पाकर जीवन को सफल बना सकते हैं।

21 जून को ही क्यों मनाया जाता है योग दिवस
21 जून को योग दिवस मनाने के कारण ज्योतिष विज्ञान में जानने को मिलता है। बताया जाता है 21 जून का दिन उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन है, जिसे ग्रीष्म संक्रांति भी भी कहा जा सकता है। अगर भारतीय संस्कृति के दृष्टिकोण से देखें तो, ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन हो जाता है। ज्योतिष विज्ञान बताते हैं सूर्य के दक्षिणायन का समय आध्यात्मिक सिद्धियां प्राप्त करने में बहुत लाभकारी माना जाता है।यही कारण है कि हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है।

योग दिवस पर लग रहा है सूर्य ग्रहण
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस बार विश्व योग दिवस पर सूर्य ग्रहण का साया रहेगा। ये सूर्य ग्रहण वैसाख अमावस्या तिथि पर मिथुन राशि और मृगशिरा नक्षत्र में लगेगा। ज्योतिषियों के अनुसार मिथुन बुध ग्रह की राशि है और मृगशिरा नक्षत्र का स्वामी मंगल ग्रह है। इसलिए ऐसा माना जा रहा है ग्रहण का सर्वाधिक प्रभाव मिथुन राशि पर पड़ेगा।

सूर्य ग्रहण- 
सुबह 10 बजकर 13 मिनट से दोपहर 1 बजकर 29 मिनट तक । 
ग्रहण की कुल अवधि-
लगभग 3 घंटे की रहेगी।

Jyoti

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