व्यवहार में किया गया ये छोटा सा Change, सदा रखेगा आपको Happy

Thursday, Oct 05, 2017 - 12:28 PM (IST)

एक बार मुल्ला इस्माइल इसफहानी नमाज पढ़ रहे थे। एक दुष्ट व्यक्ति वहां से गुजरा और उन्हें अपशब्द कहने लगा। लेकिन मुल्ला साहब उसकी ओर ध्यान न देते हुए नमाज पढ़ते रहे। बाद में नमाज खत्म होने के बाद उनके एक शिष्य मिर्जा मुकीम ने पूछा, ‘‘यह दुष्ट आपको इतने अपशब्द कह रहा था और आप उसे नजरअंदाज कर रहे थे। आपकी जगह और कोई होता तो वह उसे जरूर सजा देता।’’


तब मुल्ला इस्माइल बोले, ‘‘भाई एक व्यक्ति होंठ हिला रहा है, उसके सामने थोड़ी सी हवा चल रही है। मगर क्या वह हमारा कुछ बिगाड़ रही है, नहीं न। फिर क्यों हम अपने ध्यान को खुदा से हटाकर इस व्यक्ति की तरफ लाएं। इससे हमारे काम में ही बांधा पड़ेगी।’’


मुल्ला ने आगे कहा, ‘‘जब कोई हमारी तारीफ करता है तो हम खुशी से फूल उठते हैं लेकिन वही व्यक्ति जब हमें अपशब्द कहने लगता है तो हम उसे कोसने लगते हैं। तब हम यह भूल जाते हैं कि यही व्यक्ति थोड़ी देर पहले हमारी तारीफ कर रहा था। इसलिए निंदा-स्तुति की ओर ध्यान न देकर हमें तो चुपचाप अपने काम में लगे रहना चाहिए।’’


आज के समय में, जब लोग एक छोटी-सी बात पर एक-दूसरे के खून के प्यासे हो जाते हैं, सहनशीलता की और भी अधिक आवश्यकता है। यदि हम थोड़ा धैर्य रखते हुए अपशब्दों, निंदा अथवा कड़वी बातों को नजरअंदाज करना सीख लें तो सभी का जीवन सुखद हो जाएगा।

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