कन्हैया से मिलने के यही ठिकाने हैं, श्रीमद् भागवत महापुराण कर सकती है कल्याण

Friday, Feb 02, 2018 - 02:48 PM (IST)

अपने जीवन को हम कैसे संवार सकते हैं। इस संसार में कौन हमारा अपना हितैषी है जिस पर हम भरोसा कर सकते हैं। श्रीमद् भागवत महापुराण ही है जो हमारा कल्याण कर सकता है। —रवि नंदन शास्त्री


परिवार में सब ईमानदारी से अपना-अपना कर्तव्य करेंगे-तो परिवार में बरकत बनी रहती है। लक्ष्मी का सदा निवास रहता है। —महंत वैष्णो देवी दरबार 


रिश्ते हमारे जीवन में खुशहाली लेकर आते हैं। बिना रिश्तों के लोग अकेले पड़ जाते हैं और जीवन अधूरा रह जाता है। बिना रिश्तों वाले बाहर से भले ही खुश नजर आते हों उनके अंदर मायूसी (उदासी) का घुन लगा होता है। —पंकज शास्त्री


यदि बाल कृष्ण कन्हैया लाल के दर्शन करना चाहते हो तो सत्संग संकीर्तन में संतों-महापुरुषों की संगत करो। गौमाता की सेवा करो, श्रीमद् भागवत महापुराण कथा श्रवण करें एवं श्री वृंदावन धाम जाया करें। कन्हैया के मिलने के यही ठिकाने हैं।


मनुष्य योनि में ही ईश्वर की आराधना कर मोक्ष प्राप्त कर सकते हो। यह मन बड़ा चंचल है। मनुष्य को भोगों में फंसाए रखता है। मोह माया से हटेगा तो ज्ञान की प्राप्ति होगी।     —चंद्रेश्वर गिरि 


मां के आंचल में ममता के झरने बहते हैं। मां अपने बच्चे को भूखा नहीं देख सकती और न ही दुखी देख सकती है। मां की गोद में ठंडक मिलती है-मां के पांव में जन्नत है। मां को खुश कर लो कहीं भटकना नहीं पड़ेगा। —गौरव कृष्ण 


सब रिश्ते एक दिन छूट जाएंगे। जैसे तेज वेग से बहती नदी सागर में जाकर मिल जाती है। ठीक उसी तरह यह जीव आत्मा सागर रूपी प्रभु में जाकर मिल जाती है। —चंद्रेश्वर गिरि 

Advertising