Kundli Tv- बिगड़े काम को संवार देगा भगवान स्कंद से जुड़ा ये एक उपाय

Tuesday, Jul 17, 2018 - 03:29 PM (IST)

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हिंदू धर्म में स्कंद पष्ठी के दिन भगवान शंकर और माता पार्वती पूजा करने से सारे काम संवरने लगते हैं। इतनी ही नहीं इस दिन किए गए कुछ खास उपाय, व्यक्ति को असफलता से खींच सफलता की ओर ले जाते हैं। आईए जानते हैं इस से संबंधित कथा व उपाय- 


स्कन्द षष्ठी को हिंदू धर्म में कुमार षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान शिव शंभू और माता पार्वती के पूजन का विधान है। नवरात्रि में नवदुर्गा के पांचवें रूप की पूजा कुमार कार्तिकेय की माता के रूप में होती है। जिस कारण देवी स्कंदमाता कहलाती हैं। 

मान्यता है कि स्कंदमाता कुमार कार्तिकेय के पूजन से जितनी प्रसन्न होती हैं उतनी स्वयं के पूजन से भी नहीं होती। स्कंद शक्ति के अधिदेव हैं। देवताओं ने इन्हें अपना सेनापतित्व प्रदान किया। मयूर पर आसीन देव सेनापति कुमार कार्तिकेय की आराधना दक्षिण भारत में सबसे ज्यादा होती है। यहां पर भगवान स्कंद मुरुगन नाम से विख्यात है। प्रतिष्ठा विजय, व्यवस्था, अनुशासन सभी कुछ इनकी कृपा से संपन्न होते हैं। स्कंद पुराण के मूल उपदेष्टा कुमार कार्तिकेय ही हैं तथा यह पुराण सभी पुराणों में सबसे विशाल है।


शक्ति के अधिदेव भगवान स्कंद 
भगवान शिव के तेज से उत्पन्न बालक स्कंद की छह कृतिकाओं ने स्तनपान करा रक्षा की थी। इनके छह मुख हैं। उन्हें कार्तिकेय नाम जाना जाता है। पुराण व उपनिषद में इनकी महिमा का उल्लेख मिलता है। जब दैत्यों का अत्याचार और आतंक फैल जाता है और देवताओं को पराजय का सामना करना पड़ता है। जिसके बाद सभी देवता भगवान ब्रह्मा के पास पहुंचते हैं। अपनी रक्षा के लिये उनसे प्रार्थना करते हैं। ब्रह्मा उनके दुख का कारण जानकर उनसे कहते हैं कि तारका का अंत भगवान शिव के पुत्र द्वारा ही संभव है। परंतु सती के अंत के पश्चात भगवान शिव गहन साधना में लीन हुए रहते हैं। इंद्र और अन्य देव शिव के पास जाते हैं। भगवान शिव उनकी पुकार सुनकर पार्वती से विवाह करते हैं। जिसके बाद कार्तिकेय का जन्म होता है। कार्तिकेय तारकासुर का वध करके देवों को उनके स्थान प्रदान करते हैं। 


उपाय
शिवालय में भगवान कार्तिकेय पर 6 तेल के दीपक जलाने से व्यावसायिक प्रतिस्पर्धी परास्त होते हैं। कार्तिकेय पर दही में सिंदूर मिलाकर चढ़ाने से व्यावसायिक बाधाएं दूर होती हैं। भगवान कार्तिकेय पर चढ़ा मोर पंख फैक्ट्री, दुकान अथवा आफिस के दक्षिण पश्चिम कोण में रखने से धन आगमन में वृद्धि होती है। 

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Jyoti

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