700 साल पुराना है दिल्ली का हज़रत निज़ामुद्दीन का यह दरबार

Sunday, Dec 20, 2020 - 06:36 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
राष्ट्रपति राधाकृष्णन ने 1962 में उर्स महल का किया था उदघाटन-
देश और दुनियाभर से आते है ज़ायरीन हाजरी लगाने-
सही क़ौमी एकता देखने मिलती है सूफी संतों के दरबार में-
सात स्रोत  वाली बावड़ी जिसके पानी में अलग-अलग खुश्बू अलग अलग स्वाद-

भारत देश सूफ़ी संतों का देश है, यहां महान सूफ़ी संतों ने अमन चैन और भाई चारे के सन्देश दिया और लोगों के दिलों पर राज किया इन्हीं में नाम आता है। दिल्ली के महान सूफ़ी संत हजऱत ख़्वाजा निज़ामुद्दीन औलिया महबूबे इलाही जिनके नाम से ही दिल्ली सारा निज़ामुद्दीन इलाका जाना जाता है। जहां दुनियाभर से हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई सभी निज़ामुद्दीन दरबार में हाजरी देने पहुंचते हैं और अपनी परेशानियों से छुटकारा पाते हैं। हर वर्ष यहां उर्स का आयोजन होता है। इस वर्ष भी उर्स का आयोजन हुआ लेकिन कोरोना काल के चलते प्रशासन की गाइडलाइंन के अनुसार सभी कार्यक्रम सम्पन्न हुए। 

पंजाब केसरी के संवाददाता इम्तियाज़ चिश्ती की रिपोर्ट के अनुसार 700 साल पुराना दरबार हज़रत सैय्यद निज़ामुद्दीन औलिया का उर्स महल की इमारत तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने बनबाया था। जिसकी बुनियाद कुछ इस तरह हुई थी कि 1960 में जब उर्स कार्यक्रम एक मैदान के मिट्टी के चबूतरे पर हो रहा था, पंडित जवाहरलाल नेहरू जी भी उर्स के आयोजन में शामिल हुए जब अचानक बारिश हुई तब देखा कार्यक्रम में सभी भींग गए। उसी दौरान जवाहरलाल नेहरू ने संस्कृति मंत्री हुमायूं कबीर को आदेश दिया यहां एक बड़ा हाल बनबाया जाए लगभग दो साल में उर्स महल की बिल्डिंग बनकर तैयार हुई तब 1962 में इमारत का उदघाटन तत्कालीन राष्ट्रपति राधाकृष्णन ने किया था। तब से यहां के उर्स के कार्यक्रम इसी उर्स महल में आयोजित होते आ रहे हैं। 

Jyoti

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