Kundli Tv- क्यों भगवान का भोग बनाते समय नहीं करनी चाहिए किसी से बात

Saturday, Nov 24, 2018 - 11:25 AM (IST)

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हिंदू धर्म के शास्त्रों में पूजा करना बहुत अनिवार्य माना गया है। ज्योतिष में इश्वर की पूजा करने के कई एेसे नियम बताए गए हैं, जिनका पालन न करने से व्यक्ति को कभी भी किसी भी प्रकार की पूजा-अर्चना का अच्छा का फल नहीं मिल पाता। आज हम आपको कुछ एेसी ही बात बताने जा रहे हैं जिसके बारे में शायद आप लोगों को पता नहीं होगा। 

जब भी हम पूजा-अर्चना करते हैं तो भगवान का भोग ज़रूर तैयार करते हैं। कहा जाता है कि भोग लगाने से वे बहुत प्रसन्न होते हैं और भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी करतीे हैं। हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार गणेश जी को भोग में मोदक और खीर पसंद है। जबकि हनुमान जी को भोग में बेसन का लड्डू और इमरती पसंद है। एेसे ही बाकि सभी देवी-देवताओं को अलग-अलग मिष्ठान पसंद है। 

ये तो सभी जानते ही हैं लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि भगवान का भोग बनाते समय कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए। कहा जाता है कि भोग बनाते समय भक्त को हमेशा मौन साधना चाहिए यानि चुप रहना चाहिए। तो चलिए आपको बताते हैं कि आखिर ऐसा क्यों कहा जाता है और भोग बनाते समय बात करने से क्या हानि हो सकती है।

मान्यता है कि भगवान का भोग बनाते समय बातचीत करने से मुंह के कण रसोई में गिरते हैं जिससे भोग अपवित्र और जूठा हो जाता है। हिंदू धर्म में भगवान को अपवित्र भोग लगाना किसी पाप से कम नहीं कहा गया है। इसीलिए भगवान को अपवित्र भोग लगाने से कोई लाभ नहीं मिलता। बल्कि, भगवान इससे नाराज़ भी हो सकते हैं। और ये तो आप जानते ही होंगे कि अगर भगवान आप से नाराज़ हो जाएंगे तो ऐसे में आपके जीवन की समस्याएं दूर नहीं हो पाएंगी और आपका जीवन कष्टों में ही बीतेगा।

ज्योतिष में भगवान को भोग बनाने की एक खास विधि बताई गई है। इसके अनुसार भक्त को भोग बनाने से पहले स्नान ज़रूर कर लेना चाहिए। फिर रसोई को गंगा जल से शुद्ध करें। जब भोग बनाना शुरू कर दें तब किसी बातचीत नहीं करें। इस दौरान मन में भगवान के प्रति सच्ची आस्था भाव रखें। 

भोग बन जाने के बाद इस बात का खास ध्यान रखें कि भगवान को जिस पात्र में भोग परोसें, वह पूरी तरह से साफ़-सुथरा हो। अगर आप इस विधि का पालन करते हुए भगवान को भोग लगवाते हैं तो उनका आशीर्वाद मिलता है।
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Jyoti

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