वसंत पंचमी पर करें ये काम, मिलेगा ज्ञान का भंडार और बुद्धि का वरदान

Wednesday, Feb 01, 2017 - 08:21 AM (IST)

कल 1 फरवरी 2017 को सरस्वती पूजा का दिन है, जो प्रत्येक वर्ष माघ माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी को वसंत पंचमी के रूप में मनाया जाता है। मां शारदे के प्राकट्य पर्व को सर्वसिद्धिदायक पर्व माना जाता है। देववाणी संस्कृत भाषा में निबद्ध शास्त्रीय ग्रंथों का दान संकल्पपूर्वक विद्वान ब्राह्मणों को देना चाहिए। साथ ही ॐ ऐं सरस्वत्यै नम:’ इस पुराणोक्त मंत्र के 1100 जप करने से भी तत्त्वज्ञान की प्राप्ति होती है। 


देवी सरस्वती की कृपा जिस पर हो जाती है, वह व्यक्ति जितना भी मूढ़ हो शीघ्र ही बुद्धिमान होकर जीवन में सही निर्णय लेने में सफल होता है। इस श्लोक के प्रभाव से आपकी बुद्धि‍ निर्मल होगी। 

या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।
या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ॥

अर्थात जो कुंद के फूल, चंद्रमा और बर्फ के हार के समान श्वेत हैं, जो श्वेत वस्त्र पहनती हैं, जो हाथों में वीणा धारण किए हैं और श्वेत कमलों के आसन पर विराजमान हैं, ब्रह्मा, विष्णु, महेश आदि देवता जिनकी सदा स्तुति करते हैं, जो हर प्रकार की जड़ता हर लेती हैं, वह सरस्वती हम सभी का उद्धार करें।


वसंत पंचमी के दिन सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए भगवती के बारह नामों का उच्चारण करना चाहिए। ये बारह नाम हैं-

1 भारती

2 सरस्वती

3 शारदा

4 हंसवाहिनी

5 जगती

6 वागीश्वरी

7 कुमुदी

8 ब्रह्मचारिणी

9 बुद्धिदात्री

10 वरदायिनी

11 चंद्रकांति

12 भुवनेश्वरी 

इन बारह नामों का स्मरण करने वाला व्यक्ति कुशाग्र, बुद्धिमान एवं मेधावी होता है।

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