इन दो कारणों से नहीं होती एक गोत्र में शादी !

Sunday, Jun 09, 2019 - 01:37 PM (IST)

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जब भी शादी का नाम आता है तो लड़का-लड़की के मन में बहुत सी बातें उठती हैं कि लड़का कैसा होगा या लड़का कैसा होगा। लेकिन उससे भी पहले बात आती है कुंडली मिलाने की। हिंदू धर्म में यह परंपरा बहुत पुरानी है कि शादी से पहले लड़का-लड़की की कुंडली मिलाना बहुत जरूरी माना जाता है। अक्सर ऐसा आपने सुना होगा कि एक ही गोत्र में विवाह नहीं किया जाता है। कुछ लोग इसे महज एक रूढ़ि मानते हैं, तो कई इसका बढ़ा-चढ़ाकर प्रचार करते हैं। लेकिन इसके पीछे धार्मिक कारण होने के साथ-साथ वैज्ञानिक कारण भी है। तो आइए जानते हैं दोनों कारण क्या है। 

धार्मिक रीति-रिवाजों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि एक ही गोत्र में शादी नहीं की जा सकती, क्योंकि लड़का-लड़की का एक ही गोत्र होने से वे दोनों भाई-बहन माने जाते हैं। क्योंकि उनके पूर्वज एक ही वंश के माने जाते हैं। ऐसे में एक ही गोत्र में विवाह करने वर्जित है। 

वहीं दूसरी ओर अगर वैज्ञानिक दृष्टि से बात करें तो रक्त संबंधियों में विवाह होने से उनके जीन्स (गुणसूत्र) अलग न होकर एक समान ही होते हैं। एक समान जी‍न्स होने से उनसे उत्पन्न होने वाली संतान को कई गंभीर बीमारियों जैसे हीमोफीलिया, रंग-अंधत्व आदि के होने की आशंका बढ़ जाती है इसलिए हमारे शास्त्रों द्वारा सगोत्र विवाह निषेध का नियम बनाया गया है। किंतु देखने में आता है कि सगोत्र विवाह निषेध के नाम पर ऐसे रिश्तों को नकार दिया जाता है जिनसे पीढ़ी-दर-पीढ़ी में कोई रक्त संबंध नहीं रहा है। 

Lata

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