April Fool's Day: आपको हंसा-हंसा कर लोटपोट कर देंगे मूर्ख दिवस के ये रोचक किस्से

Monday, Apr 01, 2024 - 10:28 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

April Fool's Day 2024: मूर्ख दिवस के संबंध में भारत सहित विभिन्न देशों के कई ऐसे रोचक किस्से प्रचलित हैं, जब सामूहिक रूप से लोगों को मूर्ख बनाने का प्रयास किया गया और लोग बड़ी आसानी से ‘मूर्ख’ बन भी गए। कई वर्ष पुरानी बात है। बी.बी.सी. ने अपने एक नियमित कार्यक्रम के दौरान ब्रिटेन के लोगों को एक विशेष सूचना दी कि अमुक तारीख को प्लूटो ग्रह बृहस्पति ग्रह के ठीक पीछे से गुजरते हुए ऐसा गुरुत्वाकर्षण पैदा करेगा कि लोग हवा में उछलने लगेंगे। यह बी.बी.सी. की एक्सक्लूसिव खबर थी, इसलिए लोग उसे कोरी अफवाह भी नहीं मान सकते थे। अत: इस घटना के लिए बी.बी.सी. द्वारा जो दिन बताया गया था, लोगों ने उस दिन उसी निश्चित समय पर स्वयं ही उछलना शुरू कर दिया। इस दौरान किसी को वास्तव में ऐसा महसूस हुआ कि जैसे सचमुच वह उछल रहा है लेकिन किसी को लगा कि वह तो खुद ही जबरदस्ती उछल रहा है। तभी अचानक कुछ लोगों को ध्यान आया कि आज तो 1 अप्रैल का दिन है और उन्हें ‘अप्रैल फूल’ बना दिया गया है।

एक बार नीदरलैंड में भी लोगों को एक रेडियो प्रसारण के जरिए ‘अप्रैल फूल’ बनाया गया। एक अप्रैल को सुबह ही नीदरलैंड के राष्ट्रीय रेडियो प्रसारण पर यह खबर प्रसारित कर दी गई कि विख्यात चित्रकार रेम्ब्रंट की ख्याति प्राप्त कलाकृति ‘द नाइट’ हाल ही में एक द्रव्य के सम्पर्क में आ गई थी और इस द्रव्य के सम्पर्क में आने के बाद से यह दिन-ब-दिन अदृश्य होती जा रही है।
बस फिर क्या था, यह खबर प्रसारित होते ही हजारों कलाप्रेमी इस कलाकृति को एक पल निहारने के लिए अपने घरों से म्यूजियम की ओर निकल पड़े लेकिन जब संग्रहालय पहुंचने पर लोगों को पता चला कि ‘अप्रैल फूल’ बनाया गया है तो लोग अपनी ही मूर्खता पर हंसे बिना नहीं रह सके।

लंदन में कुछ वर्ष पूर्व हजारों लोगों के पास एक ही दिन एक निमंत्रण पत्र पहुंचा, जिसमें लिखा था, ‘‘एक अप्रैल की शाम को आप ‘टावर ऑफ लंदन’ पहुंचें, जहां सफेद रंग के एक गधे को सार्वजनिक स्नान कराया जाएगा लेकिन यहां आते समय अपने साथ यह निमंत्रण पत्र लाना न भूलें।’’

बस फिर क्या था, देखते ही देखते एक अप्रैल की शाम को टावर ऑफ लंदन में हजारों लोगों की भारी-भरकम भीड़ जमा हो गई लेकिन जब उन्हें इंतजार करते-करते काफी समय बीत गया और वहां पर न कोई गधा नजर आया और न ही किसी तरह का कोई आयोजन तो लोगों के सब्र का बांध टूटने लगा लेकिन कुछ समय बाद जब उन्हें पता चला कि उन्हें ‘अप्रैल फूल’ बनाया गया है तो वे हंसते-हंसते अपने-अपने घर लौट गए।

एक घटना भारतेन्दु हरिश्चन्द्र से भी जुड़ी है। एक बार इसी दिन उन्होंने घोषणा की कि एक सिद्ध महात्मा काशी में गंगा को पैदल पार करेंगे। गंगा के तट पर अनेक वरिष्ठ अंग्रेज अधिकारियों सहित लाखों लोगों की भीड़ एकत्रित हो गई। भारतेन्दु उस महात्मा के साथ घाट पर पहुंचे और उन्होंने कहा कि महात्मा जी की तबीयत अभी थोड़ी खराब है इसलिए वह गंगा को नाव से ही पार करेंगे लेकिन लौटते समय वे गंगा को पैदल पार करेंगे सो लोग एकदम उस पल की प्रतीक्षा करते रहे, जब वह पैदल नदी पार करते हुए उस महात्मा के दर्शन करते। भारतेन्दु संन्यासी के साथ नाव में सवार हो गए और कुछ दूर निकल कर नाव से ही ‘मूर्ख दिवस’ का एक बैनर हवा में लहरा दिया और इस प्रकार बड़ी आसानी से लाखों लोग एक साथ ‘मूर्ख’ बन गए।    

 

 

Niyati Bhandari

Advertising