ऐसे लोग कभी नहीं समझ सकते दूसरों का दुख

Thursday, Feb 28, 2019 - 10:26 AM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा(video)
चाणक्य ने अपनी नीतियों में बहुत सारी ऐसी बातों के बारे में बताया है, जिन्हें अपनाकर व्यक्ति अपने जीवन में आने वाली हर समस्या का समाधान कर सकता है। आचार्य चाणक्य के मुताबिक कुछ लोग ऐसे होते हैं जो दूसरों के दुख को कभी नहीं समझ सकते। कहते हैं कि जो लोग दूसरों के दुख में उनका साथ नहीं दे सकते, उन्हें सामने वाले पर हंसना भी नहीं चाहिए। ऐसा माना जाता है कि जिन लोगों में दया की भावना न हो वे लोग किसी के दुख या पीड़ा को नहीं समझ सकते और ऐसे लोगों के सामने कभी अपने दुख को जाहिर भी नहीं करना चाहिए। 

चाणक्य के अनुसार इन सबके अलावा अग्नि और कांटा भी किसी की पीड़ा को नहीं समझ सकता। आचार्य के मुताबिक बुद्धिमान लोगों को ये बात पता होनी चाहिए कि कौन उसका दुख समझ सकता है व कौन नहीं और ये बात जानकर उनसे वैसा ही व्यवहार करना चाहिए। क्योंकि जो लोग किसी के दुख को नहीं समझ सकते, उनके सामने अपनी पीड़ा को जाहिर करने का भी कोई फायदा नहीं होता है। 

श्लोकः
राजा वेश्या यमश्चाग्निस्तस्करो बालयाचकौ ।
परदुःखं न जानन्ति अष्टमो ग्रामकण्टकः ॥ 

चाणक्य ने इस श्लोक में बताया है कि राजा, वैश्या, यम, अग्नि, चोर, बालक, याचक और कांटा ये 8 किसी की भावनाओं काे नहीं समझते। इन्हें किसी के भी दुख और पीड़ा से कोई मतलब नहीं होता है। कहते हैं कि इनके सामने अपनी पीड़ा और दुख बताने से कोई फायदा नहीं होता है। राजा हमेशा अपने नियम और सत्य को देखकर ही सब के साथ न्याय करता है। इसलिए वह किसी के दुख को नहीं समझ सकता। एक वैश्या को हमेशा पैसों से मतलब होता है। अगर यम किसी की पीड़ा समझेंगे तो फिर किसी की मृत्यु ही नहीं होगी। इसलिए यम कभी किसी की पीड़ा को नहीं समझते। अग्नि का काम ही है जलाना। तो वो भला कैसे किसी को समझ सकती है। चाेर किसी की पीड़ा नहीं समझते। बालक की बुद्धि कम होती है इसलिए दूसरों की पीड़ा और भावनाओं से वह दूर होता है। 
आज रात शुक्र करेंगे राशि परिवर्तन, जानें, किन राशियों का होगा बेड़ा पार(video)
 

Lata

Advertising