स्त्री व पुरुष दोनों की बर्बादी का कारण बनते हैं ये 5 काम

Tuesday, Mar 27, 2018 - 03:48 PM (IST)

शास्त्रों की मानें तो कुछ एेसे बुरे काम बताए गए हैं जो लंबे समय तक किसी से छिपाए नही जा सकते। आजकल के समय में चाहे कोई कितना भी इन कामों को छिपाने की कोशिश करे, फिर भी किसी न किसी तरह से समाज को इन कामों के बारे में पता लग ही जाता है। जब ये काम घर-परिवार और समाज में सभी को मालूम हो जाते हैं तो स्त्री हो या पुरुष, दोनों को ही अपमानित होना पड़ता है और कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यहां जानिए महाभारत, रामायण और गरुड़ पुराण में बताए गए 5 कामों के बारें में।

 

झूठ बोलना
सभी जानते हैं कि एक झूठ को छिपाने के लिए सौ झूठ और बोलना पड़ते हैं, फिर भी झूठ अधिक समय तक छिप नहीं सकता है। महाभारत में कर्ण ने परशुराम से झूठ बोला था कि वह ब्राह्मण है। परशुराम में कर्ण को ब्राह्मण समझकर उसे सभी प्रकार के अस्त्र-शस्त्र का ज्ञान दिया, लेकिन एक दिन परशुराम को ये सच्चाई मालूम हो गई कि कर्ण ब्राह्मण नहीं है। इसके बाद परशुराम ने शाप दे दिया था कि कर्ण को जिस समय इन अस्त्र-शस्त्र की सबसे ज्यादा आवश्यकता होगी, उसी समय वह इन्हें चलाना भूल जाएगा। इसी शाप के कारण कर्ण महाभारत युद्ध में अर्जुन के सामने इन शक्तियों को भूल गया था और अर्जुन के बाण से मारा गया था। इसीलिए हमें भी झूठ बोलने से बचना चाहिए।


धोखा देना 
महाभारत युद्ध दुर्योधन और मामा शकुनि के धोखे और कपट का भी परिणाम था। कौरवों ने पांडवों के साथ कई बार कपट किया था और अंत में पांडवों के हाथों सभी कौरव मारे गए। भगवान भी कपटी लोगों की मदद नहीं करते हैं। इसीलिए कपट से बचना चाहिए। कपट भी लंबे समय तक छिप नहीं सकता है। दूसरों को धोखा देना पाप है और इस पाप की सजा अवश्य मिलती है।

 

हत्या करना
ये ऐसा पाप है, जिसकी सजा अवश्य मिलती है। शास्त्रों के अनुसार किसी की भी हत्या करना अक्षम्य पाप है। अक्षम्य यानी जिसके लिए क्षमा नहीं किया जा सकता है। हत्या कभी भी छिप नहीं सकती है। हमारे सामने इस संबंध में कई उदाहरण आते रहते हैं, जहां ये बात साबित हो जाती है कि कितनी भी पुख्ता योजना क्यों न हो, हत्या सामने आ ही जाती है। हत्या के दोषी को देर से सही पर सजा जरूर मिलती है। इस पाप को छिपाने की सभी कोशिशें असफल हो जाती हैं।

 

अहंकार करना
जो अहंकार होते हैं, वे इस भाव को अधिक समय तक छिपा नहीं सकते हैं। अहंकारी व्यक्ति खुद को सज्जन बताने कितनी भी कोशिश करे, लेकिन उसका अहंकार सभी के सामने आ ही जाता है। अहंकार के कारण व्यक्ति पाप करने में भी सोचता नहीं है। इसी कारण अहंकारी व्यक्ति को भी पापी की श्रेणी में ही रखा जाता है। रावण और दुर्योधन अहंकार के कारण ही लगातार पाप करते रहे।

 

व्यभिचारी व्यक्ति 
जो स्त्री-पुरुष अनैतिक संबंध बनाते हैं, वे इस काम को छिपाने की बहुत कोशिशें करते हैं। ये काम छिपता नहीं है, एक दिन सभी के सामने ये राज खुल ही जाता है। इस काम के कारण कई दूसरे गलत भी होने लगते हैं जो कि स्त्री और पुरुष, दोनों को ही बर्बाद कर देते हैं। इस संबंध में भी कई उदाहरण दिखाई देते रहते हैं। शास्त्रों में इसे महापाप माना गया है। इस पाप से बचना चाहिए।

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