रानू मंडल के ग्रहों ने दिलाई उसे संगीत की दुनिया में पहचान

Sunday, Sep 01, 2019 - 01:37 PM (IST)

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जालंधर: रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म को ही अपना घर बनाकर गरीबी से जूझती हुई हिन्दी गीत गाती रानू मंडल अपनी सुरीली आवाज से आने-जाने वाले यात्रियों का मनोरंजन करके अपना जीवन बसर करती थी। उसने कभी भी यह नहीं सोचा होगा कि एक दिन उसकी यह आवाज उसे बुलंदियों तक पहुंचा देगी।

पंचकूला के लाल किताब ज्योतिषी आर.के. वर्मा ने कहा कि यह सच है कि ग्रह ही सदैव इंसान को राजा से रंक बना देते हैं और ग्रह ही इंसान को रंक से राजा भी बना देते हैं।

उन्होंने कहा कि ताकतवर ग्रहों का जब समय आता है तो वह इंसान को ऊपर उठाने में कोई कसर शेष नहीं छोड़ते हैं। इसकी मिसाल रानू मंडल हैं। वर्मा ने बताया कि रानू मंडल की इंटरनैट से मिली जन्म तारीख के अनुसार उनके चेहरे के भाव तथा उनकी बीती जिन्दगी को देखते हुए उन्होंने कुंडली का निर्माण किया है।

उन्होंने कहा कि राहु ने उनकी जिन्दगी को प्लेटफार्म पर पहुंचा कर तहस-नहस कर दिया था, लेकिन शुक्र की वजह से वह अपनी गायिकी से ही जीवन-बसर करती रही। रानू मंडल के 59वें वर्ष में सूर्य बृहस्पति के योग ने उन्हें रंक से महारानी बना दिया और उनके वर्षफल में गज केसरी योग ने उनकी जिन्दगी का ऐसा पलटा कि आज वह सैंकड़ों गरीबों की मददगार बन सकती हैं।

उन्होंने कहा कि वह आने वाले वर्ष में भी आसमान को छू कर अपना नाम कमाएंगी। यही ग्रह चाल है, जिसने रानू मंडल के जीवन व किस्मत को बदल कर रख दिया।
 

Jyoti

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