भ्रष्टाचारी इंसान नहीं कर सकता इस मंदिर में ENTRY

Saturday, Mar 30, 2019 - 12:31 PM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा (VIDEO)
कहते हैं दुनिया के लगभग सभी देशों में भ्रष्टाचार एक बहुत बड़ी समस्या है। कुछ लोगों का तो मानना है कि इसे खत्म करने के लिए चाहे कुछ भी कर लिया जाए लेकिन आज भी ये समस्या खत्म का नाम हो पा रही। कहने का भाव ये है कि भ्रष्टाचार दुनिया में से कब खत्म होगा इसके बारे में कोई कुछ नहीं कह सकता। परंतु उत्तर प्रदेश में एक मंदिर है जिसका असली मकसद दुनिया से भ्रष्टाचार को निकलाना है। अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसे कैसे मंदिर का इसमें क्या योगदान हो सकता है। तो आपको बता दें दुनिया के कोने-कोने से भ्रष्टाचार को निकालने में ये मंदिर एक अहम हिस्सा है। मान्यता है कि इस मंदिर में किसी भी भ्रष्ट अधिकारी या नेता को आने की मनाही है बल्कि इस पर पाबंदी है। तो चलिए देर ने करते हुए जानें भारत के उत्तर प्रदेश में बसे इस शनि मंदिर के बारे में-

बहुत से लोग होंगे जिन्हें इस बात पर यकीन नहीं होगा परंतु ये सच है। कहा जाता है कि प्राचीन समय में भ्रष्टाचार को खत्म करने के उदेश्य से इस मंदिर का निर्माण करवाया गया था। बता दें कि ये मंदिर देव न्याय के देवता शनि देव को समर्पित है, जिस भ्रष्ट तंत्र विनाशक शनि मंदिर के नाम से जाना जाता है। ये कानपुर विश्वविद्यालय के पीछे स्थित है।

बताया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण सामाजिक कार्यकर्ता रॉबी शर्मा ने करवाया था। इसे बनवाने के पीछे इनका उद्देश्य ये था कि लोग भ्रष्ट अधिकारियों, नेताओं-मंत्रियों और न्यायाधीशों को भगवान न समझ उनका बहिष्कार करें। शायद इस बहिष्कार से वो अपनी सोयी अंतर्चेतना की आवाज़ सुन आत्म-सुधार की ओर बढ़ सकें।

कहा जाता है कि इसके निर्माण के बाद इस मंदिर का लोकापर्ण पवन राणे बाल्मीकि नामक नि:शक्त व्यक्ति ने किया था। ऐसा करने के पीछे का एक कारण ये हो सकता है कि भगवान के सामने तो सब एक समान हैं, एक जैसे ही है, चाहे उसमें कोई कमी ही क्यों न हो।

इस शनि मंदिर में मूर्तियों को भी तर्कों के आधार पर स्थापित किया गया है। शनि देव की तीन मूर्तियों के साथ ब्रह्मा जी की मूर्ति ऐसे स्थापित की गई है उसे देखने पर ऐसा प्रतीत होता है कि ब्रह्मा जी सीधा शनि देव को देख रहे हैं। इसके साथ ही इन मूर्तियों के साथ ही एक हनुमान जी की भी एक प्रतिमा स्थापित हैं। बता दें कि हनुमान जी के भक्तों पर शनि की विशेष कृपा रहती है।
कहा जाता है कि मंदिर में अधिकारियों, मंत्रियों-नेताओं, इलाहाबाद और उच्चतम न्यायलय के न्यायधीशों की तस्वीरों को शनि देव की प्रतिमा के सामने इस तरह से लगाया गया है कि उनकी सीधी नज़र सीधा उन पर ही पड़ी। इसके पीछे का मुख्य मकसद ये है कि व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के जिम्मेदार लोगों द्वारा जनता विरोधी निर्णय लेने की स्थिति में इन्हें शनि देव का कोपभाजन बनना पड़े। कहते हैं शनि देव सब पर अपनी नज़र रखते हैं और न्याय करते हैं।

भ्रष्ट तंत्र विनाशक शनि मंदिर में सामान्य नागरिकों का आना मान्य है, पंरतु भ्रष्ट अधिकारियों, मंत्रियों, न्यायधीशों का प्रवेश वर्जित है।इस मंदिर की खासियत यह है कि मंदिर में मूर्तियों के ऊपर तेल चढ़ाने, प्रसाद चढ़ाने और घंटी बजाने ही मनाही है। हालांकि, यहां लौंग, इलायची और काली मिर्च के साथ मिट्टी के दीए श्रद्धा पूर्वक जलाते हैं। भक्तों का मानना है कि जो भी इस मंदिर में हाज़िरी लगाता है उसके साथ हमेशा इंसाफ होता है तो वहीं भ्रष्ट लोगों को दंड ज़रूर मिलता है।

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Jyoti

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