Kundli Tv- हर दिल पर राज करवाएगा ये मूलमंत्र

Monday, Jun 18, 2018 - 05:07 PM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा (देखें VIDEO)



एक समय की बात है एक बार दांत और जीभ में भयंकर युद्ध छिड़ गया। दांत ने जीभ से कहा, ‘‘अरे, तुम सिर्फ मांस का लोथड़ा हो। तुममें तो कोई भी खूबी नहीं है। न ही तुम्हारा कोई रूप है और न ही कोई रंग। हमारे सभी दांतों को देख रही हो कैसे मोतियों की भांति चमक रहे हैं।’’


जीभ बेचारी ने कुछ भी नहीं कहा और वह चुप रही।



दांत ने फिर जीभ से कहा, ‘‘तुम चुप क्यों हो! हमसे डर रही हो क्या? हम हैं ही इतने सुंदर तुम हमसे जलोगी ही और हम हैं इतने मजबूत कि डर तो तुम्हें लगेगा ही।’’ 

जीभ दांत की बांतों को अनसुना करते हुए चुप रही। दिन बीतते गए, समय अपनी रफ्तार के साथ आगे बढ़ता गया और देखते ही देखते कई माह और वर्ष बीत गए।



अब उम्र ढलने के साथ-साथ धीरे-धीरे करके एक-एक दांत गिरते गए, लेकिन होना क्या था जीभ वही ज्यों की त्यों बनी रही। अब कुछ बचे हुए दांत जब गिरने को हुए तब जीभ ने दांत से कहा, ‘‘भैया बहुत दिन पहले आपने मुझसे कुछ कहा था। आज उन सबका उत्तर दे रही हूं। इंसान के मुंह में आप सब दांत मुझसे बहुत बाद में आए हैं। मैं तो जन्म के साथ ही पैदा हुई हूं। अब आयु में भी तुम मुझसे छोटे हो लेकिन छोटे होने के बावजूद एक-एक करके तुम सब मुझसे पहले विदा हो रहे हो, इसका कारण पता है?’’


दांत ने जीभ से अब विनम्र भाव से कहा, ‘‘दीदी अब तक तो नहीं समझते थे, पर अब बात समझ में आ गई। तुम कोमल और मुलायम हो और हम कठोर हैं। कठोर होने का दंड ही हमें मिला है।’’

शिक्षा: आप सब भी कोमल बनिए। कोमल से तात्पर्य है, आपका व्यवहार रुखा न हो। आपके कार्य दूसरों को सुख ही प्रदान करें। जो इंसान जीभ के समान कोमल होता है, जिसकी वाणी मीठी होती है और जिसका व्यवहार कोमल तथा मिलनसार होता है, उसे सभी पसंद करते हैं और उसे कभी भी कोई छोडऩा नहीं चाहता।

अपने रूप रंग या किसी भी गुण के दम पर कभी भी घमंड न करें और किसी का भी अनादर न करें, चाहे कोई आपसे उम्र में छोटा हो या फिर बड़ा। इसलिए कहा गया है कि ‘ऐसी वाणी बोलिए, मन का आपा खोय, औरन को शीतल करै आपहु शीतल होय।’        

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Niyati Bhandari

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