श्मशान भूमि पर बना है देवी का ये मंदिर, जानें इससे जुड़ा इतिहास

Thursday, Mar 14, 2019 - 02:14 PM (IST)

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इतना तो सब जानते हैं कि हिंदू धर्म के अनुसार मंदिर आदि का निर्माण पूरे विधि-विधान के साथ किया जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि माना जाता है मंदिर में साक्षात भगवान का वास होता है। इसलिए इस जगह यानि मंदिरों को बहुत ही पावन माना गया है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है अगर किसी मंदिर का निर्माण श्मशान  भूमि पर हो तो ? जी हां, आपको जानकर शायद हैरानी होगी क्योंकि श्मशान  वो जगह है जहां मरने के बाद इंसान की देह को जलाया जाता है। परंतु आपको बता दें हमारे देश में एक ऐसा मंदिर है जो श्मशान  भूमि पर बना है। तो चलिए देर न करते हुए जानते हैं इस अनोखे मंदिर के बारे में और इससे जुड़े रहस्यों के बारे में-

बता दें कि जिस मंदिर की हम बात कर रहे हैं ये मंदिर बिहार के दरभंगा शहर में चिता पर बना अद्भुत मंदिर है। दरभंगा इस मंदिर से लोगों की बहुत आस्था जुड़ी हुई है बल्कि यह जगह यहां की आस्था का प्रमुख केंद्र है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ये मंदिर दरभंगा राज परिवार के महाराज रामेश्वर सिंह की चिता की श्मशान  भूमि पर बना है, जिसे श्यामा माई के नाम से जाना जाता है। परिसर में माता काली की भव्य प्रतिमा स्थापित है। जिसके दर्शन करने लोग दूर-दूर से आते हैं और अपनी मनोकामनाओं के पूर्ति की प्रार्थना करते हैं।

लोक मान्यता है कि जो भी भक्त यहां मां काली से नम आंखों से कुछ भी मांगता है तो उसकी सभी मनोकामनाएं बहुत जल्दी पूरी हो जाती हैं। बता दें कि यहां पर मुंडन जैसे शुभ और मांगलिक कार्य भी संमपन्न होते हैं।

1933 में मंदिर की स्थापना दरभंगा के महाराजा कामेश्वर सिंह ने करवाई थी। परिसर के अंदर माता श्यामा की विशाल और भव्य प्रतिमा भगवान शिव की जांघ और वक्षस्थल पर है। वहीं माता काली की दाहिनी तरफ़ महाकाल और बाएं तरफ गणेश जी और बटुक की प्रतिमाएं मौजूद हैं।

यहां के पुजारियों का कहना है कि जो भी मंदिर में होने वाली माता की आरती में का साक्षी बनता है, उसकी सभी इच्छाएं पूरी होती है और उसके जीवन से सभी कष्ट और अंधकार दूर हो जाते हैं।

बता दें कि इस मंदिर में माता श्यामा की पूजा तांत्रिक और वैदिक दोनों ही तरह से की जाती है। वैसे हिंदू धर्म में मान्यता है कि शादी के एक साल बाद तक नया शादीशुदा जोड़ा श्मशान भूमि पर नहीं जाता है परंतु श्मशान  भूमि में बने इस मंदिर में न केवल नवविवाहित जोड़े मां का आशीर्वाद पाने आते हैं बल्कि इस यहां शादियां भी होती हैं। कुछ पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मंदिर की श्यामा माई माता सीता का रूप हैं।
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Jyoti

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