Tarot card reading: जानें, कौन सा ग्रह देता है आपको गुप्त रोग
punjabkesari.in Saturday, Jul 22, 2023 - 07:15 AM (IST)

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Planets and body parts astrology: ग्रह हम पर और हमारे जीवन पर प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष दोनों रूपों से असर डालते हैं। इनकी चाल बदलने से जीवन में सुख-दुख, सफलता-असफलता, जीवन-मृत्यु, शादी-विवाह, जीवन की छोटी-बड़ी हर चीज प्रभावित होती है। ग्रहों की चाल से ही हमारे शरीर को लगने वाले रोग भी बढ़ते या घटते हैं। प्रत्येक ग्रह हमारे शरीर के किसी न किसी भाग को प्रभावित करता है, उसी प्रकार हमारे शरीर के किसी न किसी रोग का कारण भी बनता है। जब किसी ग्रह की तासीर हमें कष्ट देने के लिए अमादा हो जाती है तो शरीर के अंग से जुड़ा कोई रोग हमें लग जाता है। जब किसी ग्रह का असर शुभ रूप से हमारे पर पड़ता है तो शरीर के उस भाग से जुड़ी बीमारियां ठीक होने लग जाती हैं। हम अपने शरीर के सभी तत्वों को किसी न किसी ग्रह से संबंधित मानते हैं।
Planets and body parts in vedic astrology: जैसे कि शरीर में आयरन की कमी होना शनि ग्रह से प्रभावित होती है, शनि ग्रह का प्रभाव जब आप पर क्षीण होने लगता है तब जाकर आपके अंदर लौह पदार्थ की कमी होती है, इसी प्रकार कई ऐसे रोग भी हैं जोकि अलग-अलग ग्रहों से जुड़े हैं।
Surya: सूर्य ग्रह आत्मा और ऊर्जा का कारक है। जब सूर्य ग्रह से संबंधित परेशानी आती है तो बालों का झड़ना, रोग प्रतिरोधक क्षमता का कम होना, आंखों की रोशनी का चले जाना, बार-बार बीमार होने जैसी घटनाएं होती हैं। ऐसे में सूर्य से संबंधित उपायों से इस चीज को ठीक किया जा सकता है। नियमित रूप से गुड़ का सेवन लाभदायक होता है।
Chanderma : चंद्रमा से जुड़े रोग जैसे कि डिप्रेशन, मानसिक तनाव, कफ, कोल्ड वॉटर रिटेंशन जैसी बीमारियां चंद्रमा के कमजोर होने पर हमें देखने को मिलती हैं। बाई आंख की रोशनी कम होना भी चंद्रमा के पीड़ित होने के कारण होता है। ऐसे में चंद्र पूजन या भगवान शंकर का पूजन करना अत्यधिक लाभदायक सिद्ध होता है।
Mangal: मंगल ग्रह हमारे शरीर में रक्त विकारों का कारक ग्रह है। मंगल का सीधा संबंध शरीर में बह रहे लाल खून से है, खून से संबंधित बीमारियां तभी उत्पन्न होती हैं, जब किसी तरीके से मंगल ग्रह पीड़ित हो। ऐसे में व्यक्ति को मंगल ग्रह संबंधी उपचार करना चाहिए जैसे की हनुमान जी की भक्ति करने से लाभ मिलता है।
Budha: नसों में मस्तिष्क से जुड़ी बीमारियां बुध ग्रह से संबंधित होती हैं। कम सुनना, बोलने में दिक्कत होना यह सब बीमारियां बुध ग्रह के कारण ही होते हैं। बुध ग्रह को बलि करने के लिए किन्नरों की सेवा करनी चाहिए। बहनों के साथ संबंध अच्छे रखने चाहिए। उपाय के तौर पर कन्या पूजन अति लाभदायक होता है।
Brihaspati: बृहस्पति ग्रह का अच्छा असर हमारे जीवन में अत्यधिक जरूरी है। गुरु ग्रह हमारे शरीर की चल रही सांसों से संबंधित होता है, इसके नकारात्मक प्रभाव से दमे जैसी बीमारियां उत्पन्न होती हैं। मोटापा भी बृहस्पति ग्रह के खराब होने के कारण होता है।
Shukra: यौन संबंधित परेशानियां गुप्त रोग प्रजनन शक्ति में कमी भोग विलास में कमी यह सब परेशानियां शुक्र ग्रह से प्रभावित होती हैं। जब व्यक्ति के शरीर में शुक्र ग्रह का नकारात्मक प्रभाव बढ़ने लगता है, तब इन अंगों से बीमारी उत्पन्न होने लगती है इसलिए शुक्र ग्रह का शुभ होना अत्यधिक जरूरी होता है। शुक्र ग्रह की क्षमता बढ़ाने के लिए गौ सेवा और लक्ष्मी पूजन अति लाभदायक होता है।
Shani: शनि महाराज के द्वारा दिए गए रोगों के कारण व्यक्ति अधिक पीड़ा में रहता है। टांगों से संबंधित परेशानियां टी.वी, रतोंदी और किडनी संबंधित रोग शनि द्वारा दिए गए होते हैं इसलिए शनि की क्षमता बढ़ाने के लिए मजदूर वर्ग की सेवा करना अत्यधिक जरूरी होता है।
Rahu: राहु ग्रह आपके शरीर में किसी बीमारी को बढ़ाकर, उसके ऑपरेशन करवाने का कारण बनता है इसलिए राहु को शांत करने के लिए उपाय करते रहना चाहिए। जिनमें की सफाई कर्मचारी, आपका ससुराल पक्ष इनके साथ संबंध अच्छा रखें।
Ketu: जीवन में अचानक दुर्घटनाओं का कारण केतु ग्रह भी होता है। अंग-भंग होना या अंग का कट जाना केतु ग्रह के कारण होता है। अगर केतु खराब है तो इस संबंधी परेशानियां आपको अपने जीवन में देखने को मिलेंगी। केतु को अच्छा रखने के लिए कुत्तों की सेवा करें। भांजे और भतीजे का कभी भी हक न मारें।
नीलम
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