Swami Vivekananda Story: क्या आप भी बार-बार लक्ष्य से भटकते हैं ? ये एक गुण बदल सकता है पूरी ज़िंदगी

punjabkesari.in Wednesday, Jul 02, 2025 - 07:00 AM (IST)

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Inspirational Story: यह उन दिनों की बात है जब स्वामी विवेकानंद अमरीका में थे। एक दिन वह सैर के लिए निकले और घूमते-घूमते एक पुल के पास पहुंचे। तभी उनकी नजर पुल पर खड़े बच्चों पर गई। सभी बच्चे बंदूक से पुल के नीचे बहती बड़ी-सी नदी में तैर रहे अंडों के छिलकों पर निशाना लगाने की लगातार कोशिश कर रहे थे। कई कोशिशों के बाद भी वे एक बार भी अंडे के छिलके पर सही निशाना नहीं लगा पाए।

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यह देखकर स्वामी विवेकानंद बड़े हैरान हुए। उनके मन में हुआ कि मुझे भी एक बार कोशिश करनी चाहिए। उन्होंने बच्चों से बंदूक मांगी और खुद निशाना लगाने लगे। उन्होंने बंदूक तानी और अंडे के छिलके पर पहली बार में ही निशाना लगा लिया। पहला निशाना सही लगने के बाद उन्होंने एक के बाद एक कई सारे अंडे के छिलकों पर सही निशाना लगाया।

स्वामी जी के निशाने की कला को देखकर बच्चे हैरान रह गए। बच्चों ने उनसे पूछा कि आखिर वह कैसे एक के बाद एक सही निशाना लगा रहे हैं।
बच्चों ने कहा, ‘‘हम तो बहुत देर से उन छिलकों पर निशाना लगाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। हमें भी बताइए सही तरीके से निशाना लगाने के लिए क्या करना चाहिए।’’

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स्वामी विवेकानंद ने बच्चों को जवाब देते हुए कहा, ‘‘इस दुनिया में ऐसा कोई काम नहीं है, जो नहीं किया जा सकता। दुनिया में कोई भी काम असंभव नहीं है। बस अपना सारा ध्यान उस काम की तरफ लगाओ, जिसे तुम्हें करना है या जिसे तुम कर रहे हो।’’

उन्होंने आगे बताया, ‘‘अगर निशाना लगाते वक्त तुम्हारा सारा ध्यान अंडे के छिलके पर होता, तो तुम निशाना ठीक तरीके से लगा पाते अर्थात एकाग्रता से किया कोई भी काम हमेशा पूर्ण होता है।’’

सीख- लक्ष्य को पूरा करने की चाहत रखने वाले को हमेशा अपना पूरा ध्यान लक्ष्य पर ही रखना चाहिए क्योंकि एकाग्रता सहित ऐसा करने से लक्ष्य कभी चूकता नहीं है।

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Content Editor

Prachi Sharma

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