Inspirational Context: स्वामी विवेकानंद जी की ये सीख हताश और निराश जीवन में लाएगी खुशियों की बहार

punjabkesari.in Tuesday, Feb 21, 2023 - 08:42 AM (IST)

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Swami Vivekananda story: स्वामी विवेकानंद से मिलने एक व्यक्ति आया। उसके चेहरे पर दुख और पीड़ा के भाव साफ झलक रहे थे। स्वामी जी को देखते ही वह उनके चरणों पर गिर गया और कहने लगा, ‘‘मैं बहुत दुखी हूं। मैं मेहनत में कोई कमी नहीं छोड़ता, इसके बावजूद कभी भी सफल नहीं हो पाया।’’

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स्वामी जी ने उसकी परेशानियों को समझ लिया। उन्होंने अपना छोटा-सा पालतू कुत्ता उस व्यक्ति को सौंपा और कहा, ‘‘तुम कुछ दूर मेरे इस कुत्ते को सैर करा लाओ फिर मैं तुम्हारे सवालों के जवाब दूंगा।’’

काफी देर तक वह व्यक्ति कुत्ते को सैर कराता रहा। बाद में जब वह कुत्ते को लेकर स्वामी जी के पास लौटा तो उसके चेहरे पर थकान के कोई निशान नहीं थे। लगता नहीं था कि वह मेहनत करके आया है। मगर कुत्ता बुरी तरह हांफ रहा था और थका हुआ लग रहा था।

स्वामी जी ने उस व्यक्ति से पूछा, ‘‘यह कुत्ता इतना हांफ क्यों रहा है? यह थका हुआ लग रहा है जबकि तुम पहले की तरह ही ताजा और साफ-सुथरे दिख रहे हो?’’

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उस व्यक्ति ने जवाब दिया, ‘‘स्वामी जी! मैं तो सीधा-सीधा अपने रास्ते पर चल रहा था, पर यह कुत्ता तो दौड़ता ही रहा। यह गली के सभी कुत्तों के पीछे भागता और उनसे लड़कर फिर मेरे पास वापस आ जाता। हम दोनों ने एक समान रास्ता तय किया, पर इसने मेरे से कहीं ज्यादा दौड़ लगाई है, इसीलिए यह ज्यादा थक गया है।’’

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स्वामी जी मुस्कराए और कहा, ‘‘यही तुम्हारे प्रश्रों का जवाब है। तुम मंजिल पर सीधे जाने की बजाय दूसरे लोगों के पीछे भागते रहते हो। उसमें तुम्हारी काफी ऊर्जा लगती है। रास्ता उतना ही तय होता है, पर तुम बुरी तरह थक जाते हो।

स्वामी जी की बातें सुनकर उस आदमी की आंखें खुल गईं।

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Content Writer

Niyati Bhandari

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