ब्रह्म ज्ञान द्वारा ही जाना जा सकता है परमात्मा को : स्वामी विज्ञानानंद जी महाराज

Tuesday, Jan 21, 2020 - 12:50 PM (IST)

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जालंधर (शास्त्री):
दिव्य ज्योति जागृति संस्थान द्वारा अमृतसर रोड विधिपुर आश्रम में साधना शिविर करवाया गया। इस दौरान योगाचार्य स्वामी विज्ञानानंद जी ने कहा कि साधना क्या है? भाव उस सनातन पुरातन ज्ञान पद्धति द्वारा अपने मन और शरीर को साथ लेना और केवल अध्यात्म द्वारा ही संभव है। 

शास्त्र ग्रंथों में स्पष्ट लिखा गया है कि अध्यात्म की शुरूआत प्रकाश से ज्योति के दर्शन से होती है और प्रकाश को ही ध्यान की उच्चतम पद्धति कहा गया है। वैज्ञानिक उन्नति के चलते तो कई प्रकार की ऊर्जाएं जैसे विद्युत, सोलर, न्यूक्लियर आदि बाहरी जगत तक प्रकाश देती है लेकिन अंत:करण को प्रकाशित करने में समर्थ नहीं हैं। भगवान श्री कृष्ण इसको समझाते हुए कहते हैं कि जहां सूर्य, चंद्रमा, अग्रि का प्रकाश नहीं पहुंच सकता वहां उस आत्मा के रूप में विद्यमान है, यही प्रकाश ब्रह्मज्योति है। परमात्मा का निराकार रूप है यह भी कहा जाता है कि सहज प्रकाश भगवान का रूप है। 

अब प्रश्र यह है कि आंखें बंद करते ही हमें अंधकार दिखाई पड़ता है, फिर परमात्मा का आलौकिक प्रकाश कैसे दिखे? उन्होंने कहा कि परमात्मा केवल ब्रह्मज्ञान द्वारा ही जाना जा सकता है और यह ब्रह्मज्ञान केवल ब्रह्मनिष्ठ गुरु ही हमें दे सकते हैं। इस दौरान उन्होंने और भी अनेकों प्रसंगों एवं भजनों के माध्यम से ब्रह्मज्ञान और साधना बारे जानकारी दी।

Jyoti

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