सूर्य सप्तमी व्रत: पूजा का ये तरीका बना सकता है आपको करोड़ों का मालिक

Monday, Jul 08, 2019 - 06:36 AM (IST)

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आज 8 जुलाई, सोमवार को सूर्य सप्तमी व्रत किया जाएगा। इसका हिन्दू शास्त्रों में विशेष महत्व बताया गया है। देवोपासना में भगवान सूर्य देव का खास स्थान है। भगवान सूर्य का दर्शन सभी धरतीवासियों को प्रतिदिन जागरूक करता है। सभी वैदिक स्मार्त अनुष्ठान एवं संसार के सभी कार्य भगवान सूर्य देवता की ही कृपा के अधीन हैं। विश्व का एक-एक जीव उनकी कृपा का कृतज्ञ है। इसी दृष्टि को लेकर करोड़ों-करोड़ जन ‘आदित्यस्थ नमस्कारं येकुर्वन्ति दिने दिने। जन्मांतर सहस्रे दारिद्रयं नोपजायते।’ के अनुसार प्रतिदिन प्रात: सायं भगवान सूर्य नारायण को पुष्प समन्वित जल के अर्घ्य देकर नमन करते हैं। यदि आप ऐसा नहीं करते तो आज के दिन अवश्य करें। इससे आपको सुख-समृद्धि, अच्छी सेहत और वैभव का वरदान मिलेगा।

धर्मशास्त्र हमें सूर्योदय से पूर्व उठने का आदेश देते हैं। ये प्रकाशमय देव हमें प्रकाश देकर अच्छे कामों की ओर बढ़ने की प्रेरणा देते हैं। भगवान सूर्य सम्पूर्ण धर्म तथा कार्य जगत के परम उपकारक हैं। सूर्य साक्षात परमात्मा स्वरूप हैं। शास्त्र एक स्वर में इनकी वंदना, अर्चना (पूजा-पाठ) को मानव का परम कर्तव्य बतलाते हैं। सूर्य से ही सभी ऋतुएं होती हैं। सूर्य को ही कालचक्र का प्रणेता स्वरूप माना गया है। सूर्य से ही सभी जीव उत्पन्न होते हैं। सभी योनियों में जो जीव है, उनका आविर्भाव, प्रेरणा पोषणा आदि सब सूर्य से ही होते हैं और अंत में सभी जीव उन्हीं में विलीन हो जाते हैं। अत: उनकी उपासना करनी ही चाहिए। आज इस विधि से की गई सूर्य पूजा आपको बना सकती है करोड़ों का मालिक। इसके साथ-साथ आप अपने भीतर सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव करेंगे, जो आपको सफलता की ऊंचाइयों तक ले जाएगी।  

भगवान सूर्य का गायत्री मंत्र यह है : ‘ॐ भास्कराय विद्महे दिवाकराय धीमहि तन्नो सूर्य: प्रचोदयात।’

तांबे के बर्तन में जल भरकर उसमें लाल चंदन, चावल और लाल रंग के फूल डालें।

आज सारा दिन मन ही मन 'ॐ सूर्याय नमः' मंत्र का जाप करते रहें।

लाल आसन पर बैठकर पूर्व दिशा की ओर मुख करके इस मंत्र का कम से कम 1 माला जाप करें। 

''एहि सूर्य सहस्त्रांशो तेजोराशे जगत्पते। अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणार्ध्य दिवाकर।।''


 

Niyati Bhandari

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