Surya Nakshatra Parivartan: 11 मई को सूर्य बदलेंगे नक्षत्र, इन राशियों को रहना होगा Alert
punjabkesari.in Friday, May 09, 2025 - 06:42 AM (IST)

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Surya Nakshatra Parivartan 2025: नवग्रहों के राजा सूर्य नारायण 11 मई को नक्षत्र परिवर्तन करने वाले हैं। सूर्य का ये गोचर उनके ही नक्षत्र कृतिका में होगा। कुछ राशियों के लिए तो यह गोचर किसी सौगात से कम नहीं होगा और अन्य को विपरित परिस्थतियों का सामना करना पड़ सकता है। आइए जानें ज्योतिष विद्वान किन राशियों को सतर्क रहने की सलाह देते हैं। यहां कुछ उपाय भी बताए जा रहे हैं, जिन्हें करने से सूर्य कृपा को अनुकूल किया जा सकता है।
वृषभ राशि- किसी भी तरह का खर्च करने से पहले अच्छे से सोच-विचार कर लें। मानसिक दबाव रह सकता है। स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
उपाय- गुड़ का दान करें।
तुला राशि- फाइनेंशियल और मैरिड लाइफ में प्रॉब्लम्स होने की संभावना है। कोई भी काम अच्छे से विचार करने के बाद करें, भावनाओं में बहकर अपना नुकसान कर सकते हैं।
उपाय- अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान करें।
वृश्चिक राशि- फैमिली लाइफ डिस्टर्ब रह सकती है। क्रोध को खुद पर हावी न होने दें। गलत व्यसनों में पड़ने से बचें। मनचाहे मुकाम तक पहुंचने के लिए अपने प्रयास बढ़ाएं।
उपाय- सूर्य देव को जल चढ़ाएं।
कुंभ राशि- धन संबंधित कामों में सावधानी बरतें अन्यथा नुकसान हो सकता है। स्वभाव में मधुरता रखें। अनचाहे लोग आपकी लाइफ में आ सकते हैं, जो नकारात्मकता बढ़ाएंगे।
उपाय- सूर्य देव के बीज मंत्र का जप करें।
सूर्य की तरह चमकना है तो 12 राशियों के जातक करें ये उपाय- इस संसार में भगवान सूर्य को प्रत्यक्ष देव कहा जाता है क्योंकि हर व्यक्ति इनके साक्षात दर्शन कर सकता है। भगवान सूर्य को अर्घ्य देने का विशेष महत्व है।
भगवान सूर्य कि कृपा पाने के लिए तांबे के पात्र में लाल चन्दन, लाल पुष्प, अक्षत डालकर प्रसन्न मन से सूर्य मंत्र का जाप करते हुए उन्हें जल अर्पण करना चाहिए। श्री सूर्यनारायण को तीन बार अर्घ्य देकर प्रणाम करना चाहिए। इस अर्घ्य से भगवान सूर्य प्रसन्न होकर अपने भक्तों की हर संकट से रक्षा करते हुए उन्हें आरोग्य, आयु, धन, धान्य, पुत्र, मित्र, तेज, यश, कान्ति, विद्या, वैभव और सौभाग्य को प्रदान करते हैं ।
सूर्य भगवान की कृपा पाने के लिए जातक को प्रत्येक रविवार अथवा माह के किसी भी शुक्ल पक्ष के रविवार को गुड़ और चावल को नदी अथवा बहते पानी में प्रवाहित करना चाहिए।
तांबे के सिक्के को भी नदी में प्रवाहित करने से सूर्य भगवान की कृपा बनी रहती है।
रविवार के दिन स्वयं भी मीठा भोजन करें एवं घर के अन्य सदस्यों को भी इसके लिए प्रेरित करें।
भगवान सूर्यदेव को रविवार और संक्रांति के दिन गुड़ का भोग लगाना कतई न भूलें ।
यह ध्यान रहे कि सूर्य भगवान की आराधना का सर्वोत्तम समय सुबह सूर्योदय का ही होता है। आदित्य हृदय का नियमित पाठ करने एवं रविवार को तेल, नमक नहीं खाने तथा एक समय ही भोजन करने से भी सूर्य भगवान कि हमेशा कृपा बनी रहती है।
मनोवांछित फल पाने के लिए निम्न मंत्र का उच्चारण करें- ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।