सुबह नहीं कर पाए सूर्य देवता की उपासना तो संध्या काल में करें ये काम

Sunday, Jun 28, 2020 - 03:59 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
आज आषाढ़ मास की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गााष्टमी का पर्व मनाया जा रहा है। यूं तो हर मास में आने वाली प्रत्येक अष्टमी तिथि के दिन देवी दुर्गा का व्रत रखा जाता है। परंतु नवरात्रों में आने वाी अष्टमी तिथि का महत्व बढ़ जाता है। अब इतना तो सब जानते हैं कि इस दिन माता रानी की पूजा-अर्चना की जाती है। मगर क्या आप जानते हैं कि आज सूर्य देव की पूजा भी आपको लाभ दिला सकती ह। अब आप सोचने लगेंगे कि भला देेवी दुर्गा के अलावा इस दिन सूर्य देव की पूजा का क्या संबंध है। तो बता दें क्योंकि इस बार मासिक दुर्गाष्टमी रविवार के दिन पड़ी है, इसलिए सूर्य देव की उपासना भी काफी शुभ मानी जा रही है। 

किंतु आप में से कुछ लोग अब ये सोचने लगे होंगे कि अब तो सूर्य देव की आराधना का समय बीत चुका है तो आपको बता दें ऐसा नहीं है सूर्यास्त से पहले आप अभी सूर्य देव को प्रसन्नकर उनकी कृपा पा सकते हैं। धार्मिक तथा ज्योतिष शास्त्र में इनके कुछ मंत्रों का उल्लेख मिलता है। इनमें वर्णन किया गया है इन मंत्रों का उच्चारण करने से शिक्षा से लेकर करियर तक में हर तरह की मुमकिन सफलता प्राप्त होती है। इसके अलावा इन मंत्रों के बारे में कहा जाता है कि अगक मधुर लालिमा वाले सूर्य देव के सामने इन मंत्रों का जाप किया जाए दोगुना लाभ प्राप्त होता है। 

अगर सुबह निम्न बताए गए मंत्रों का जप नहीं किया जाए तो संध्या के समय फिर से सूर्य को अर्घ्य देकर प्रणाम करें और पूरी श्रद्धापूर्वक निम्न किसी भी मंत्र का जप करें। 
ॐ सूर्याय नम: ।
ॐ भास्कराय नम:।
ॐ रवये नम: ।
ॐ मित्राय नम: ।
ॐ भानवे नम:
ॐ खगय नम: ।
ॐ पुष्णे नम: ।
ॐ मारिचाये नम: ।
ॐ आदित्याय नम: ।
ॐ सावित्रे नम: ।
ॐ आर्काय नम: ।
ॐ हिरण्यगर्भाय नम: ।

Jyoti

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