साल का आखिरी सूर्यग्रहण शुरू, देखिए Kundli TV पर LIVE

Thursday, Dec 26, 2019 - 08:42 AM (IST)

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ग्रहण का वैज्ञानिक और धार्मिक दृष्टि से प्रकृति तथा मानव समुदाय पर गहरा प्रभाव पड़ता है। यही वजह है कि हर साल लगने वाले सूर्य ग्रहण को लेकर मनुष्य के मन में उत्सुकता बनी रहती है। हमेशा से ही ग्रहण जैसी खगोलीय घटनाओं के अपने वैज्ञानिक आधार होने के साथ-साथ इनका अपना ज्योतिषीय महत्व भी होता है। वर्ष 2019 का तीसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण आज यानि 26 दिसम्बर को लगेगा। यह वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा, जो भारतीय समयानुसार सुबह 8.17 बजे से 10.57 बजे तक रहेगा। यह ग्रहण भारत के साथ पूर्वी यूरोप, एशिया, उत्तरी/पश्चिमी आस्ट्रेलिया और पूर्वी अफ्रीका में दिखाई देगा। यह सूर्य ग्रहण धनु राशि और मूल नक्षत्र में लगेगा धनु राशि तथा मूल नक्षत्र से संबंधित व्यक्तियों के जीवन पर इसका प्रभाव पड़ेगा। इन राशियों और नक्षत्र से संबंधित लोगों को सूर्य ग्रहण के समय सतर्क रहने की आवश्यकता है।

भारत में सूर्य ग्रहण का सूतक काल 25 दिसम्बर 2019 को शाम 05.33 से प्रारम्भ होकर 26 दिसम्बर 2019 को सुबह 10.57 बजे तक रहेगा।

वलयाकार सूर्य ग्रहण कब होता है
वलयाकार सूर्य ग्रहण उस समय लगता है जब चंद्रमा पृथ्वी से बहुत दूर होते हुए भी पृथ्वी और सूर्य के बीच में आ जाता है। इस कारण चंद्रमा पूरी तरह पृथ्वी को अपनी छाया में नहीं ले पाता। वलयाकार सूर्य ग्रहण में सूर्य के बाहर का क्षेत्र प्रकाशित होता रहता है। इस घटना को वलयाकार सूर्य ग्रहण कहते हैं।

पौराणिक महत्व
पौराणिक कथानुसार समुद्र मंथन के दौरान जब देवों और दानवों में अमृत पान के लिए विवाद हुआ तो उसे सुलझाने के लिए मोहिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण किया। भगवान विष्णु ने देवताओं और असुरों को अलग-अलग बैठा दिया लेकिन असुर छल से देवताओं की लाइन में आकर बैठ गए और अमृत पान कर लिया। देवों की लाइन में बैठे चंद्रमा और सूर्य ने राहू को ऐसा करते हुए देख लिया। इस बात की जानकारी उन्होंने भगवान विष्णु को दी, जिसके बाद भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से राहू का सिर धड़ से अलग कर दिया। राहू ने अमृत पान किया हुआ था, जिसके कारण उसकी मृत्यु नहीं हुई और उसके सिर वाला भाग राहू और धड़ वाला भाग केतु के नाम से जाना गया। इसी कारण राहू और केतु सूर्य और चंद्रमा को अपना शत्रु मानते हैं।

ग्रहण के समय क्या करें
ग्रहण के समय मंत्र जाप करना चाहिए। इस दौरान पूजा-पाठ नहीं करनी चाहिए। ग्रहण समाप्ति के बाद पूरे घर की सफाई करनी चाहिए। ग्रहण से पहले खाने-पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते डालकर रखना चाहिए। इससे खाने पर ग्रहण की नकारात्मक किरणों का असर नहीं होता।

राशियों पर असर
इस सूर्य ग्रहण का सभी 12 राशियों पर असर होगा। मेष, वृष, मिथुन, सिंह, कन्या, वृश्चिक, धनु, मकर राशि के लोगों के लिए यह सूर्य ग्रहण अशुभ फल देने वाला रहेगा। कर्क, तुला, कुंभ और मीन राशि के लिए ग्रहण शुभ रहने वाला है। इन लोगों को लाभ मिल सकता है।

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Niyati Bhandari

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