रविवार को 7,000 हज़ार पर कर लें इस मंत्र का जप, सूर्य देव करेंगे कोरोना से रक्षा

Saturday, Apr 11, 2020 - 04:03 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
रविवार के दिन धरती से सीधे प्रत्येक्ष दिखाई देने वाले ग्रहों के राजा सूर्य देव को कहा जाता है। जिस तरह हिंदू धर्म में अन्ये देवी-देवताओं को महत्व प्रदान है। ठीक वैसे ही सूर्य देव को भी इसमें आराध्य माना जाता है। कहा जाता है सूर्य देव समस्त प्राणी, पेड़, पौधे सहित सभी के प्राण आधार है। तो वहीं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिस जातक की कुंडली में इनकी स्थिति अच्छी होती है उसको अपने जीवन म हर तरह की सफलता हासिल होती है। मगर अगर इनकी दशा कुंडली में खराब हो तो व्यक्ति के जीवन में ऐसी समस्याएं आ जाती हैं कि उनका समाधान कर पाना असंभव जा लगता है। ऐसे में बहुत से लोग हिम्मत हार कर बैठ जाते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि इनके अशुभ प्रभावों से मुक्ति पाना अंसभव है। मगर ऐसा नहीं है, ज्योतिष शास्त्र में प्रत्येक ग्रह से जुड़े उपाय वर्णित है। इसी संदर्भ में इसमें सूर्य देवता की कुंडली में दशा को सुधारने के कई उपाय लिखे हैं। जो जातक पूरी श्रद्धा से इन उपायों को करता है कि उसकी कुंडली में सूर्य देवता की स्थिति को ठीक भी किया जा सकता है और अपनी लाइफ की प्रॉबल्मस भी दूर जाती है।

कहा जाता कई बार सूर्य देवता की कमज़ोर स्थिति के कारण जातक को राजकोप का भी सामना करना पड़ता है। साथ ही साथ अनेक प्रकार के रोगों से भी जूझना पड़ता है जैसे- पित्त, ज्वर, मिर्गी, उदर विकार, नेत्र रोक तथा चर्मरोग आदि। यहां तक कि कोरोना जैसा महामारी से भी बचा जा सकता है। ऐसे में निम्न किया गया उपाय करना लाभदायक साबित हो सकता है।

मंत्र-
ॐ आ कृष्णेन रजसा वर्तमानमो नविशेयन्नमृतंमृत्यं च।
हिरण्ययेन सविता रथेना देवो याति भुवनानि पश्यन्।।

सूर्य गायत्री मंत्र
ॐ भास्कराय विद्महे दिवाकराय धीमहि तन्नों सूर्यः प्रचोदयात्।।

सूर्य यंत्र
ध्यान रहे जब सूर्य मंत्र का जप करें, उस समय तांबे में बना सूर्य यंत्र को भी अपने सामने पूजा स्थल पर स्थापित कर दें। सूर्य मंत्र से उक्त सूर्य यंत्र स्वतः ही सिद्ध हो जाएगा।

उपरोक्त मंत्र का जप सात हज़ार (7000)  की संख्या में करें। मगर ध्यान रखें इस मंत्र का जप शुरू रविवार से ही करें। जब निर्धारित संख्या में जप पूर्ण हो जाए विधिवत आम, अकाव, पलाश, गुलर पेड़ों की सूखी लकडियों में गाय के घी का 108 आहूति मंत्र का हवन करें।

Jyoti

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