सुबह-सुबह बस इतना कर लें… सूर्य दोष शांत होकर जीवन में आएगा प्रकाश

punjabkesari.in Friday, Nov 14, 2025 - 02:18 PM (IST)

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Surya Arghya: हिंदू धर्म और ज्योतिष शास्त्र में सूर्य भगवान को अर्घ्य देना एक अत्यंत महत्वपूर्ण और शक्तिशाली पूजा विधि मानी जाती है। सूर्य को समस्त जगत की आत्मा, ऊर्जा और जीवन का दाता माना गया है। सूर्य को अर्घ्य देते समय जल में विशेष सामग्री मिलाना, जैसे कि गंगाजल और गुड़ इस क्रिया के शुभ फल को कई गुना बढ़ा देता है और विशिष्ट मनोकामनाओं की पूर्ति करता है। आइए जानते हैं कि गंगाजल में गुड़ मिलाकर सूर्य भगवान को अर्घ्य देने से क्या होता है और इसके पीछे के धार्मिक एवं ज्योतिषीय कारण क्या हैं ?

गंगाजल का महत्व:
गंगाजल को स्वयं पृथ्वी पर मौजूद ब्रह्म द्रव माना गया है। यह सिर्फ पानी नहीं, बल्कि मोक्षदायिनी और पापों का नाश करने वाली शक्ति है। गंगा नदी को देवी गंगा के रूप में पूजा जाता है। गंगाजल को अर्घ्य में मिलाने का अर्थ है, शुद्धता और देवत्व का समावेश। यह अर्घ्य को सामान्य जल से अधिक शक्तिशाली और पवित्र बना देता है। माना जाता है कि गंगाजल से दिया गया अर्घ्य जन्म-जन्मांतर के ज्ञात-अज्ञात पापों का शमन करता है।

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गंगाजल और गुड़ मिलाकर अर्घ्य देने के लाभ

कुंडली में सूर्य की मजबूती

राजयोग और पद-प्रतिष्ठा: यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य कमजोर है, तो इस उपाय से सूर्य मजबूत होता है। सूर्य मजबूत होने पर व्यक्ति को सरकारी क्षेत्रों में सफलता, उच्च पद, सामाजिक सम्मान और नेतृत्व क्षमता प्राप्त होती है।

पारिवारिक और पिता का सुख
सूर्य को पिता और सरकारी मामलों का कारक माना जाता है। यह उपाय करने से पिता के साथ संबंध सुधरते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। घर में मान-सम्मान और ऐश्वर्य बढ़ता है।

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 रोगों से मुक्ति
सूर्य को आरोग्य का देवता भी कहा जाता है। गंगाजल और गुड़ का अर्घ्य देने से गंभीर और पुराने रोगों से मुक्ति मिलने की मान्यता है। यह नेत्रों की रोशनी और स्वास्थ्य के लिए विशेष रूप से लाभकारी है।

 मोक्ष और पितृ शांति
गंगाजल के प्रयोग से यह क्रिया मोक्ष की ओर ले जाती है। मार्गशीर्ष माह और अन्य अमावस्या को यह अर्घ्य पितरों को भी शांति प्रदान करता है।

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Content Editor

Prachi Sharma