ऐसी औरत हमेशा होती है तारीफ़ की हकदार

Tuesday, Dec 25, 2018 - 04:52 PM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा (Video)
हिंदू धर्म में पांचवां वेद माना जाने वाला महाभारत महान ग्रंथ है। महात्मा विदुर ने दुर्योधन के पिता धृतराष्ट्र को बहुत सारे लाइफ मैनेजमेंट के सूत्र समझाए हैं। जिन पर उन्होंने अमल किया होता तो इतना बड़ा महाभारत युद्ध नहीं होता। ये सूत्र जितने प्रासंगिक उस समय पर थे, उतने आज भी हैं। विदुर नीति के एक श्लोक में बताया गया है-

जीर्णमन्नं प्रशंसन्ति भार्या च गतयौवनाम्। शूरं विजितसंग्रामं गतपारं तपस्विनम्।।

अर्थात- किसी भी व्यक्ति की प्रशंसा करने से पहले किन्हीं खास परिस्थितियों पर गौर करना चाहिए। उसके बाद दिल खोल कर उसकी बड़ाई करनी चाहिए। सबसे पहले बात की गई है सज्जन पुरुषों की जब भोजन अच्छी तरह पच जाए, उसे खाने से कोई भी विकार न हो तो ही उस खाने की तारीफ करनी चाहिए। जब महिलाओं की जवानी बिना किसी दोष के गुजर जाए, उनका चरित्र निर्मल हो तभी वह प्रशंसा की पात्र हैं। युद्ध से पहले किसी भी योद्धा का अभिवादन नहीं करना चाहिए। युद्ध जीत लेने पर ही योद्धा सराहना का हकदार बनता है। ज्ञान एक अनमोल धन है, जिसे कोई चुरा नहीं सकता और जितना बांटो उतना बढ़ता है। इसे प्राप्त करके साधारण तपस्वी भी आदरणीय बन जाता है। तभी वह शाबाशी का हकदार बनता है।
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Niyati Bhandari

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