...तो क्या इसलिए यमुना नदी को बनाया था कालिया नाग ने अपना निवास स्थान?

Tuesday, Jun 02, 2020 - 11:39 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
हिंदू धर्म के पौराणिक ग्रंथों में श्री कृष्ण से संबंधित कथाओं व इनकी लीलाओं का बखूबी वर्णन किया गया है। इन्हीं में से एक है कालिया नाग से जुड़ी कथा। लगभग लोग जानते हैं कि कालिया नाग यमुना नदी में विराजमान था जिसने पूरे गोकुल को अपने खौफ़ से भयभीत कर रखा था। इतना ही नहीं उसने अपने विष से पूरी यमुना को विषैला किया हुआ था। कथाओं के अनुसार एक बार जब श्री कृष्ण बचपन में अपने सखाओं सहित यमुना नदी के पास गेंद से खेल रहे थे तब उनकी गेंद अचानक यमुना नदी में जा गिरी। अपनी सखाओं द्वारा रोकने पर भी श्री कृष्ण नहीं रूके और यमुना नदी में गेंद लेने के लिए उतर गए और अपनी गेंद तलाशने लगे। 

यहां अचानक उनकी मुलाकात कालिया नाग की पत्नी से हुई जो उनसे यमुना नदी से बाहर जाने का अनुरोध करने लगी। मगर श्रीकृष्ण तो श्रीकृष्ण हैं, वे नहीं माने। कहा जाता है कि श्रीकृष्ण ने कालिया नाग से युद्ध कर उसको हराकर उसे अपने पांव नीचे दबा दिया। जिसके बाद कालिया नाग की पत्नी की विनती करने पर उन्होंने उन्हें जीवन दान दिया और उसे वहां से जाने का आदेश दिया। अब यह तो थी वह जानकारी जो लगभग लोग जानते हैं मगर आज हम आपको इस बारे में बताएंगे कि आखिरकार कालिया नाग यमुना नदी में ही क्यों निवास करते थे? 

दरअसल कथाओं के अनुसार कालिया नाग पहले यमुना नदी के मध्य में एक दीपक निवास करते थे जहां उनके साथ ही गरुड़ देव भी थे। जिन्हें किसी ऋषि द्वारा वहां रहने का श्राप था। गरुड़ देव से ही घबराकर कालिया नाग यमुना नदी में छिपे हुए थे। 

युद्ध में कालिया नाग को हराकर श्री कृष्ण ने कालिया नाग को अपना आशीर्वाद दिया तथा कहा कि चूंकि मैंने तुम्हारे सर पर अपने चरणों कि चिन्ह छोड़ दिए हैं इसलिए अब गरुड़ तुम्हें कुछ नहीं कहेगा, तुम वापस से जाकर उसी द्वीप में निवास करो तथा यमुना को अपने विष से मुक्त करो। कहा जाता है इसके बाद कालिया नाग हमेशा के लिए यमुना छोड़ कर चले गए और समुद्र के मध्य रमन द्वीप पर जा कर निवास करने लगे।

Jyoti

Advertising