Smile please: अपने दिन की शुरुआत इस संकल्प के साथ करें, ढेरों खुशियां होंगी मुट्ठी में

Friday, May 26, 2023 - 08:25 AM (IST)

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Smile please: सचमुच हम मनुष्य कितने भाग्यशाली हैं जो हमें विचार रूपी ऐसे अदृश्य पंख मिले हैं जिनसे हम जहां चाहें, जब भी चाहें चुटकी भर में पहुंच सकते हैं। तभी तो आज विचारों को बड़ा महत्व दिया जाता है क्योंकि जैसे हमारे विचार होते हैं, वैसा हमारा आचार रहता है। विश्व भर के चिकित्सा शोधकर्त्ताओं के अनुसार मनुष्य लाख प्रयास क्यों न कर ले परंतु उसकी विचार प्रक्रिया कभी रुकती नहीं। हमारे विचार एक बीज की तरह होते हैं, जो या तो सकारात्मक या नकारात्मक हो सकते हैं। तत्पश्चात हमारे मूड, व्यवहार और चरित्र के आधार पर वे हमारी भावनाएं और दृष्टिकोण बनाते हैं और इन सभी के संयोजन को चेतना कहा जाता है।



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मानव चेतना मनुष्यों के सोचने, महसूस करने और व्यक्त करने की ऐसी अद्भुत क्षमता है जिसका बीज है केवल एक संकल्प।
हमारे विचारों से हमारी चेतना बनती है। यदि हम अपने विचारों का कुशल प्रबंधन करना सीख लें तो हम सर्वोच्च मानव चेतना को प्राप्त कर सकते हैं, परंतु उससे पहले हमें यह जांच करनी होगी कि क्या हम कभी अपने विचारों का निरीक्षण करना बंद कर देते हैं या हम कभी अपने विचारों पर पूर्ण विराम लगाने की योजना बनाते हैं ?



शायद हां, या फिर न। अनुभव से देखा गया है कि हममें से अधिकांश लोग अपने विचारों को मन के हर कोने में भटकने और यहां-वहां बिखरने के लिए खुला छोड़ देते हैं जिसके परिणामस्वरूप हमें अनेक प्रकार की तकलीफें व यातनाएं सहनी पड़ती हैं इसीलिए याद रखें कि अनियंत्रित और बिखरे हुए विचार तेज गाड़ी की तरह होते हैं जिन पर यदि ब्रेक नहीं लगाई जाए तो प्राणघातक दुर्घटना हो सकती है।

डाक्टरों के अनुसार ज्यादा सोचना बहुत ज्यादा खाने के समान है। इससे हमारा मन भारी हो जाता है और हम खुद को हल्का महसूस कर पाने में असमर्थ हो जाते हैं। अत: हमारे मन के भीतर वापस शांति लाने के लिए हमें अंदर की ओर यात्रा करने की आवश्यकता है जिससे हम अपने भीतर संतुलन बना सकें और अपनी अमूल्य ऊर्जा को बर्बाद होने से रोक सकें।



याद रहे कि हमारे विचार और हमारे शब्द एक-दूसरे से बड़ी बारीकी से जुड़े हुए हैं, अत: जो हम सोचेंगे, अंतत: वही हमारे मुख से निकलेगा, इसीलिए यदि हम अपने विचारों पर पहले से ही चुस्त नियंत्रण बनाए रखेंगे तो हम अपने जीवन में आने वाली कई प्रकार की समस्याओं से खुद को बचा पाएंगे, अन्यथा हमारे विचार, वाणी और कर्म की चरम सीमाओं के परिणामस्वरूप हमें बहुत कुछ भोगना पड़ेगा।

अंत में हमें इतना अवश्य ध्यान में रखना चाहिए कि जैसे हमारे विचार होंगे, वैसी हमारी चेतना होगी और जैसी हमारी चेतना होगी, वैसा हमारा जीवन बनेगा। तो आइए, आज से रोज प्रात: अपने दिन की शुरूआत एक सकारात्मक संकल्प के साथ करें। 

Niyati Bhandari

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