15 हज़ार किलो सोने से बना है ये मंदिर, एंट्री के लिए है स्पेशल ड्रैस कोड

Friday, May 06, 2022 - 03:06 PM (IST)

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हिंदू धर्म में देवी लक्ष्मी को धन की देवी कहा गया है, जिस कारण इनकी पूजा विशेष रूप से धन और एश्वर्य आदि के प्राप्ति के लिए की जाती है। बात करें भारत देश में इनके मंदिरों की तो इनके यहां अनेकों मंदिर हैं, जहां लोग दूर दूर से इनकी पूजा करके इनसे धन-संपदा का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आते हैं। आज हम आपको इनके एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जो देश में अति प्रसिद्ध है। वैसे तो भारत में महालक्ष्मी जी के गिने-चुने मंदिर ही स्थापित है। लेकिन इनके हर मंदिर की महिमा निराली है। तो आइए जानते हैं मां लक्ष्मी जी के एक ऐसे मंदिर के बारें में जिसे करीब 15000 किलो सोने से निर्मित किया गया है।

15 हजार शुद्ध किलो सोने से बना ये महालक्ष्मी मंदिर दक्षिण भारत में एक ऐसा स्वर्ण मंदिर है। जिसमें इस्तेहमाल हुए सोने के बराबर स्वकर्ण विश्व के किसी पूजा स्थल या मंदिर में प्रयोग नहीं हुआ है। यहां हर दिन भक्त मां लक्ष्मी की पूजा करने के लिए पहुंचते हैं। और घर में सुख- समृद्धि की कामना करते हैं।. ये मंदिर तमिलनाडु के वेल्लोर नगर के मलाईकोड़ी पहाड़ो पर स्थित है। यहां पुरा सालभर लाखों भक्त मां लक्ष्मी की पूजा करने के लिए पहुंचते हैं।

इस मंदिर को श्रीपुरम महालक्ष्मी के नाम से जाना जाता है।ये पूरा मंदिर सोने से निर्मित है और आपको बता दें ये परिसर लगभग 100 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है। रात को रोशनी में जगमगाते इस मंदिर को देखना अद्भुत अनुभव होता है। रात के समय सोने के जगमगाहट से ऐसा प्रतीत होता है मानों स्वर्ग धरती पर आ गया हो।

मान्यताओं के अनुसार श्रीपुरम मंदिर के निर्माण में एक युवा संन्यासिनी शक्ति अम्मा का महत्वसपूर्ण योगदान है। मंदिर की रचना वृताकार है और परिसर में बाहर की तरफ एक सरोवर बनाया गया है। इस सरोवर में भारत की सभी मुख्य नदियों का पानी लाकर मिलाया गया है। इसी कारण इसे सर्व तीर्थम सरोवर कहते हैं। मंदिर की दीवारों पर अंदर और बाहर दोनों तरफ सोने की कोटिंग की गई है। श्रीपुरम स्वर्ण मंदिर पर सोने की लगभग नौ से पंद्रह सोने की परतें बनाई गई हैं। इन परतों को शिलालेखों से सजाया गया है। मंदिर में बने शिलालेख की कला वेदों से ली गई बताई जाती है। इस मंदिर का दृश्य इतना सुंदर है कि जो भी यहां आता है उसका ये स्थान छोड़ के जाने का दिल नहीं करता।

इस मंदिर की सबसे खास बात ये है कि इस मंदिर में आने वालों को एक सख्त़ ड्रेसकोड का पालन करना होता है। इस मंदिर में आने वाले दर्शनार्थियों की संख्याक लाखों में है पर कोई भी लुंगी, शॉर्ट्स, नाइटी, मिडी, बरमूडा पहनकर अंदर नहीं जा सकता। मंदिर प्रात 4 बजे से सुबह 8 बजे तक अभिषेक के लिए और सुबह 8 बजे से के बाद  रात्रि 8 बजे तक सामान्य जनों के दर्शन के लिए खुलता है। कहते हैं देवी लक्ष्मी के इस मंदिर से कोई भी भक्त खाली हाथ नहीं जाता।

 

Jyoti

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